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गर्भनिरोधक गोलियां बढ़ा रहीं महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा! स्टडी में हुआ खुलासा

Contraceptive Pills and Heart Attack Connection: आज की आधुनिक जीवनशैली में महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग काफी सामान्य रूप से कर रही हैं। ये गोलियां अनचाहे गर्भ से बचने के लिए एक प्रभावी उपाय मानी जाती हैं, लेकिन हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन ने यह चिंता जताई है कि लंबे समय तक इन गोलियों का सेवन करने से महिलाओं में स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।

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गर्भनिरोधक गोलियां और उनका प्रभाव | Contraceptive Pills and Heart Attack Connection

गर्भनिरोधक गोलियों में मुख्यतः दो प्रकार के हार्मोन होते हैं एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन। ये हार्मोन शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर गर्भधारण को रोकते हैं। हालांकि, हार्मोन के स्तर में यह परिवर्तन शरीर की रक्त वाहिकाओं और खून के जमने की प्रवृत्ति को प्रभावित कर सकता है। खासतौर पर एस्ट्रोजन की मात्रा ज्यादा होने पर खून के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे स्ट्रोक (जो ब्रेन में ब्लड सप्लाई रुकने से होता है) और मायोकार्डियल इन्फार्क्शन खतरा बढ़ सकता है।

नई स्टडी में क्या पाया गया? | Contraceptive Pills and Heart Attack Connection

हाल ही की एक अंतरराष्ट्रीय रिसर्च में यह देखा गया कि जो महिलाएं लंबे समय से हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग कर रही हैं, खासकर वे जिनमें उच्च एस्ट्रोजन डोज़ होता है, उनमें हार्ट अटैक और इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा 1.5 से 2 गुना तक अधिक हो सकता है, विशेष रूप से यदि उनमें पहले से कोई जोखिम कारक जैसे हाई बीपी, डायबिटीज़, या धूम्रपान की आदत हो। यह भी देखा गया कि नई पीढ़ी की गोलियां, जिनमें हार्मोन की मात्रा कम होती है, उनमें यह जोखिम कम पाया गया है, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।

किन महिलाओं को अधिक खतरा होता है? | Contraceptive Pills and Heart Attack Connection

धूम्रपान करने वाली महिलाएं: विशेषकर 35 वर्ष से ऊपर की महिलाएं जो स्मोक करती हैं और गर्भनिरोधक गोली ले रही हैं, उनमें हृदय संबंधी घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल: पहले से ही जिन महिलाओं को हाइपरटेंशन या उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उनके लिए यह संयोजन खतरनाक हो सकता है।

फैमिली हिस्ट्री: अगर परिवार में किसी को स्ट्रोक या हार्ट अटैक का इतिहास रहा है, तो जोखिम और भी अधिक हो जाता है।

माइग्रेन: माइग्रेन वाली महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा और बढ़ जाता है।

क्या सभी महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियों से खतरा है?

नहीं, ऐसा नहीं है। स्वस्थ, युवा, और कम जोखिम वाली महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक गोलियां आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती हैं। लेकिन यह जरूरी है कि हर महिला अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही गर्भनिरोधक का चयन करे और अपनी स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन करवाए। अगर कोई महिला गर्भनिरोधक गोलियों का लंबे समय तक उपयोग कर रही है, तो उसे निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:

  • रेगुलर ब्लड प्रेशर चेक करवाएं।
  • लाइफस्टाइल हेल्दी रखें योग, एक्सरसाइज और संतुलित आहार जरूरी है।
  • स्मोकिंग न करें।
  • अगर माइग्रेन, बीपी, डायबिटीज़ या फैमिली हिस्ट्री है, तो डॉक्टर को जरूर बताएं।
  • कम हार्मोन डोज़ वाली या नॉन-हॉर्मोनल विकल्पों पर विचार करें।

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