Oropouche Virus: इन दिनों एक नया वायरस चर्चा में है और इसका नाम है ओरोपोच (Oropouche Virus). यूं तो इस वायरस से ब्राज़ील में दो मौतें हुईं हैं. दोनों मृतक महिलाएं थीं. हैरानी की बात ये है कि दोनों को ही हेल्थ से जुड़ी कोई दूसरी दिक्कत नहीं थी. सबसे बड़ी बात ये है कि इस वायरस के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते हैं. ऐसे में इसके बारे में जानना और भी ज्यादा ज़रूरी हो जाता है. ओरोपोच वायरस क्या है? ये क्यों और कैसे फैलता है? इसके लक्षण क्या हैं? और, ओरोपोच वायरस से बचाव और इलाज कैसे किया जाए? आइये आपको बताते हैं…
ओरोपोच वायरस क्या है? | Oropouche Virus
ब्राज़ील में दो लोगों की जान जाने से ओरोपोच वायरस काफी चर्चा में है. ये वायरस डेंगू से मिलता-जुलता है और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो ये पेरिबुनियाविरिडे वायरस फैमिली का सदस्य है. ओरोपोच वायरस मच्छर और मिज (छोटी मक्खी) के काटने से फैलता है. ये वायरस कैरिबियाई देश त्रिनिदाद एंड टोबैगो में ओरोपोच नदी के पास पाया गया था इसीलिए इसका नाम ‘ओरोपोच वायरस’ पड़ा.
मक्खी के काटने से फैलता है वायरस | Oropouche Virus
दक्षिणी और उत्तरी अमेरिका में भी ये वायरस पाया जाता है. वहां जंगलों के आसपास काफी सारी छोटी मक्खियां होती हैं. ये वायरस इन छोटी मक्खियों के अंदर होता है. फिर जब ये मक्खियां किसी व्यक्ति को काटती हैं, तो ये उस व्यक्ति को भी हो जाता है. ये वायरस ह्यूमन सीक्रेशन (थूक, यूरिन, सीमन) या खांसने से नहीं फैलता यानी एक इंसान से दूसरे इंसान को नहीं होता. अगर कोई मक्खी किसी संक्रमित मरीज़ को काट ले, तो ये वायरस उस मक्खी के अंदर भी चला जाता है. फिर ऐसी मक्खी जब किसी और को काटती है, तो ये वायरस उस व्यक्ति को भी हो जाता है.
ओरोपोच वायरस के लक्षण | Oropouche Virus
तेज़ बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द होना, रोशनी से दिक्कत होना, थकान, पेट में दर्द और डायरिया. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो ये आम लक्षण हैं जो वायरस के शरीर में प्रवेश करने के 3 से 7 दिन के बाद आ सकते हैं और 5 से 7 दिन तक रह सकते हैं. इससे कभी-कभी व्यक्ति को थकान भी हो सकती है. फिर जब ये वायरस दिमाग के अंदर फैल जाता है तो व्यक्ति को दिमागी बुखार या मेनिन्जाइटिस हो सकता है. इसके कुछ मामलों में व्यक्ति की जान भी जा सकती है. हालांकि अधिकतर लोग 5 से 7 दिन में इस वायरस से ठीक होने लगते हैं. कुछ लोगों में थकान और कमज़ोरी लंबे समय तक रह सकती है.
ओरोपोच वायरस से बचाव और इलाज | Oropouche Virus
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि मरीज़ को हाइड्रेटेड रखें. पानी की कमी न होने दें. बुखार और दर्द को कम करें. पेट की दिक्कतें दूर करने के लिए दवाई लें. मरीज़ को जूस और आईवी फ्लूड दें ताकि शरीर में पानी की कमी पूरी हो सके. मरीज़ को नॉर्मल पेनकिलर्स देने से बचें, जैसे एस्पिरिन या नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स. चूंकि इसके लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते हैं, इसलिए कई बार लोग इस वायरस को डेंगू समझ लेते हैं.
इस वायरस की जांच के लिए आरएनए टेस्टिंग मौजूद है. ये शुरू के 5 दिनों के भीतर हो सकती है. अब क्योंकि इस वायरस की कोई दवाई नहीं है इसलिए अधिकतर मामलों में ये सेल्फ-लिमिटिंग होती है (यानी खुद से ठीक हो जाती है). लेकिन जब ये बीमारी फैलती है तो हमारी इम्यूनिटी इसे कंट्रोल नहीं कर पाती. ऐसे में ये व्यक्ति की जान भी ले सकती है इसलिए इससे बचना बहुत ज़रूरी है.
सतर्कता कैसे बरती जाए | Oropouche Virus
ये वायरस आमतौर पर जंगलों के आसपास फैलता है. जब जंगल काटे जाते हैं और इकोलॉजिकल डिस्टर्बेंस होता है, तब इस वायरस के फैलने का रिस्क बढ़ जाता है. इसलिए ज़रूरी है कि मच्छर और मिज (छोटी मक्खियों) को पनपने न दिया जाए. साथ ही साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें. गंदगी इकट्ठा न होने दें. पानी जमा न होने दें. पूरे कपड़े पहनकर रहें ताकि मच्छर आपको काट न सकें. भारत में अभी तक इस वायरस के मामले नहीं सामने आए हैं. इसलिए, डरने की कोई ज़रूरत नहीं है. लेकिन, अगर आपको बुखार है और दूसरे लक्षण भी हैं तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं. क्योंकि हो सकता है कि आपको डेंगू हो. बुखार को हल्के में बिल्कुल भी न लें.