Breathing Problem: अक्सर कई लोगों को सांस फूलने और सांस लेने में दिक्कत बनी रहती है। सांस फूलने की समस्या को डिस्पेनिया के नाम से जाना जाता है जिसमें फेफड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। आपको बता दें कि दिल और फेफड़ा, शरीर के सभी ऊतकों तक रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालते हैं। इसमें आने वाली किसी भी प्रकार की बाधा के कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
दरअसल, शरीर स्वस्थ रहे और सभी अंगों को बेहतर तरीके से ऑक्सीजन मिलती रहे इसके लिए जरूरी है कि सांस लेने में सहायक सभी अंग ठीक तरीके से काम करते रहें। अगर आप भी इस तरह की समस्याओं के शिकार हैं बिना देरी किए आपको विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए। डिस्पेनिया में ऐसा महसूस हो सकता है जैसे आपकी छाती में जकड़न है, सांस लेने के लिए हांफ रहे हैं या आपको सांस लेने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। दिल और फेफड़ों की बीमारियों में ये दिक्कत सामान्य है पर अगर अक्सर आप इस तरह की समस्या से परेशान रहते हैं तो खास तौर पर सावधान हो जाने की जरूरत है।
सांस सम्बंधित समस्या है तो गंभीर होना आपके लिए जरूरी | Breathing Problem Dyspnea
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो, सांस की तकलीफ कई मामलों में अस्थमा, एलर्जी या चिंता जैसी अन्य स्थितियों का भी संकेत हो सकती है। तीव्र व्यायाम या सर्दी-जुकाम होने से भी आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। हालांकि, क्रोनिक यानी लंबे समय से बनी रहने वाली सांस की समस्या कई बार गंभीर स्थितियों का भी संकेत मानी जाती है, जिसपर गंभीरता से ध्यान देते रहने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि इसके क्या कारण हो सकते हैं?
इन दो बीमारियों के बारे में जान लीजिए| Breathing Problem Dyspnea
लंबे समय से सांस की तकलीफ बनी हुई है तो ये गंभीर श्वसन रोगों का संकेत हो सकता है। अस्थमा की बीमारी जो फेफड़ों में वायुमार्ग को प्रभावित करती है, इसमें भी आपको सांस की दिक्कत हो सकती है। इसी तरह सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) की स्थिति जो फेफड़ों में वायु प्रवाह को अवरुद्ध करने वाली बीमारियों का एक समूह है, ऐसे रोगियों को भी सांस फूलने की समस्या महसूस होती है। इन बीमारियों में त्वरित और लंबे समय तक चलने वाले उपचार की आवश्यकता होती है। इसलिए समय रहते इसका निदान और इलाज बहुत आवश्यक माना जाता है।
सांस लेने में दिक्कत बनी है, ह्रदय की समस्या भी हो सकती है | Breathing Problem Dyspnea
कमजोर या क्षतिग्रस्त हृदय के कारण भी ठीक से रक्त पंप कर पाना कठिन हो जाता है, जिससे फेफड़ों में तरल पदार्थ भरने लगता है और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। हार्ट फेलियर इसका एक प्रमुख कारण है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, अक्सर सांस लेने में बनी रहने वाली समस्या कई गंभीर हृदय रोगों जैसे कार्डियोमायोपैथी (हृदय की मांसपेशियों में समस्या), हार्ट फेलियर या पेरीकार्डिटिस (हृदय के आस-पास के ऊतकों की सूजन) का संकेत हो सकती है। इसपर समय पर ध्यान न देना जानलेवा हो सकती है।
स्ट्रेस और एंग्जायटी को भी निमंत्रण देती है सांस सम्बंधित बीमारी | Breathing Problem Dyspnea
मानसिक तनाव या घबराहट के कारण भी अचानक सांस फूलने की समस्या हो सकती है। पैनिक अटैक में सामान्य से तेज और सांस में उतार-चढ़ाव की दिक्कत बढ़ जाती है। स्ट्रेस और एंग्जाइटी या फिर डिप्रेशन जैसी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी सांस लेने में तकलीफ देखी जाती है। इन स्थितियों का समय पर निदान और उपचार करना बहुत जरूरी हो जाता है।