बच्चेदानी में बन रही गांठ का संकेत देते हैं ये लक्षण, तुरंत करा लेने चाहिए ये Test

आजकल खराब लाइफस्टाइल की वजह से बच्चेदानी में गांठ (Lump in Uterus) होना एक आम समस्या बनती जा रही है। इस समस्या को मेडिकल में यूट्रस फाइब्रॉइड (Uterine Fibroid) कहते हैं। बच्चेदानी यानी यूट्रस महिलाओं के शरीर का एक जरूरी पार्ट होता है, इसका सबसे बड़ा काम होता है बेबी कंसीव करना और उसमें बच्चे की ग्रोथ करना। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर कोई महिला मां बनना चाहती है तो उसकी बच्चेदानी का हेल्दी होना बहुत जरूरी है। मगर, बच्चेदानी में होने वाली गांठ की समस्या के कारण इसे हेल्दी रखना मुश्किल हो गया है।
यूट्रस फाइब्रॉइड को बच्चेदानी में गांठ होना कहा जाता है। ये एक तरह की रसौली यानी ट्यूमर होता है, लेकिन आमतौर पर ये कैंसर वाली नहीं होती है।महिलाओं की बच्चेदानी में गांठ होने के कई कारण होते हैं। आइए पहले इन कारणों को जानते हैं, जैसे- हार्मोन का असंतुलन, गलता या अनहेल्दी लाइफस्टाइल, परिवार में किसी को पहले से यह समस्या होना यानी जेनेटिक कारण और PCOS या PCOD की समस्या होना।

बच्चेदानी में गांठ के कारण (Reasons of Uterine Fibroid)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिन महिलाओं को PCOS या PCOD की समस्या होती है, उनमें बच्चेदानी में गांठ होने की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। इसके अलावा जल्दी पीरियड्स आने से यह समस्या, ज्यादा वजन, खराब खानपान जैसे- बहुत ज्यादा मांस, फैट और पैक्ड फूड खाना और हरी सब्जी, फल, दूध कम लेना भी बच्चेदानी में गांठ होने का कारण हो सकता है।
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बच्चेदानी में गांठ के लक्षण (Symptoms of Uterine Fibroid)
बच्चेदानी में गांठ होने के लक्षणों में सबसे पहला लक्षण बहुत ज्यादा या लंबे समय तक पीरियड्स आना या पीरियड्स के समय बहुत ज्यादा खून आना या खून के थक्के आना होता है। इसके अलावा पेट के नीचे दर्द या भारीपन महसूस होना, बार-बार पेशाब आना, कब्ज होना, पीठ या पैरों में दर्द या सूजन, ज्यादा कमजोरी, थकान, चक्कर और सांस फूलना भी इसके लक्षण हैं।ऐसे में अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। हालांकि, डॉक्टर आमतौर पर अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और हिस्टेरोस्कोपी टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।