मम्प्स, एक वायरल संक्रमण है जो बच्चों को होने वाला आम रोग माना जाता था, यह भारत में तेजी से बढ़ रहा है। कई राज्यों – केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से पिछले कुछ महीनों में Mumps के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 तक इस साल कुल 15,637 मामले सामने आए हैं। हालांकि Mumps से होने वाली मौतें कम होती हैं, लेकिन ये बीमारी बच्चों और युवाओं को अधिक परेशान कर सकती है।
इसमें बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द, भूख कम लगना और सिरदर्द जैसे लक्षण होते हैं। साथ ही कान के पास सूजन भी आ जाती है जिसे गलसुआ कहते हैं। ये बीमारी 5 से 7 दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में इससे अंडकोष में सूजन या दिमाग में सूजन जैसी जटिलताएं भी हो सकती हैं।
Mumps का टीका बचाव के लिए मौजूद है, लेकिन ये सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) में शामिल नहीं है। इसका कारण ये है कि मीज़ल्स (खसरा) जैसी ज्यादा गंभीर बीमारियों को खत्म करना स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता है।
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डॉक्टरों का कहना है कि Mumps के मामले बढ़ने की एक वजह ये भी है कि बच्चों को बड़े पैमाने पर इसका टीका नहीं लगाया गया। इसके अलावा, बड़े होने पर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे ये बीमारी दोबारा हो सकती है। स्कूलों में बच्चों का आपस में ज्यादा मिलना-जुलना, साफ-सफाई ना रखना और गंदगी भी इस बीमारी को फैलाने में मदद करती है।
मम्प्स से बचाव कैसे सम्भव?
Mumps से बचने के लिए नियमित टीकाकरण बहुत जरूरी है। ये टीका 9 महीने से लेकर 4.5 साल के बच्चों को लगाया जाता है। इसके अलावा साफ-सफाई का ध्यान रखना, बीमार लोगों से दूर रहना और हाथ धोना जैसी सावधानियां भी जरूरी हैं। अगर आपमें इसके लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से सलाह लें और खुद को आइसोलेट कर लें।
इसका टीका है, तो फिर क्यों बढ़ रहे मामले?
Mumps का टीका तो मौजूद है और 9 महीने से 4.5 साल के बच्चों को ये लगाया जाता है। लेकिन जैसा कि हमने बताया, ये टीका राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल नहीं है। इस वजह से बहुत से बच्चों को ये टीका नहीं लग पाता और बड़े होकर उन्हें ये बीमारी हो सकती है। साथ ही, कुछ लोगों में टीके का असर भी कम हो जाता है जिससे वो दुबारा बीमार पड़ सकते हैं।
अपने आप को और अपने बच्चों को कैसे बचाएं?
अगर आप Mumps से बचना चाहते हैं तो साफ-सफाई का ध्यान रखें, दूरी बनाकर रखें और मास्क पहनें। साथ ही अपने बच्चों को समय पर टीका लगवाएं। अगर आपको या आपके बच्चे को Mumps के लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।