इन दिनों लोग हार्ट, लिवर और किडनी से जुड़ी कई क्रोनिक बीमारियों से परेशान हैं। जिसकी सबसे बड़ी वजह जीने के और काम करने के तौर-तरीक़ों में आया बदलाव है। सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक गंभीर बीमारी है जिसमें रीढ़ की हड्डी में सूजन आ जाती है। यह बीमारी मुख्य रूप से गर्दन में स्थित सर्वाइकल स्पाइन को प्रभावित करती है। इसे सर्वाइकल ऑस्टियोआर्थराइटिस और गर्दन के गठिया के रूप में भी जाना जाता है।
इस बीमारी में गर्दन की हड्डी, रीढ़ की हड्डी और डिस्क सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। स्पोंडिलोसिस गलत पॉश्चर में बैठने, वर्कआउट ना करने, यूरिक एसिड और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से होता है। इसके साथ ही डायबिटीज, थायराइड, मोटापा और बढ़ती उम्र भी स्पाइन की इस परेशानी को बढ़ाते हैं। सही समय पर इस बीमारी का इलाज न किया जाए तो एडवांस स्टेज में ये लंग्स, हार्ट को इफेक्ट करने के साथ ब्रेन की नसें तक डैमेज कर सकता है।
क्या है स्पॉन्डिलाइटिस?
स्पॉन्डिलाइटिस में गर्दन से शुरू हुआ दर्द, कंधे, पीठ से बढ़ते हुए कमर के निचले हिस्से तक पहुंचाता है। आजकल स्पाइन प्रॉब्लम के शिकार ज्यादातर युवा हैं। देश में हर 10 में से 7 लोग स्पॉन्डिलाइटिस का दर्द झेल रहे हैं। उम्र चाहे 65 की हो या 25 की। कंधे और कमर झुके ना, सिर तना रहे और कॉन्फिडेंस भरा रहे , उसके लिए ज़रूरी है रीढ़ की हड्डी मजबूत हो।
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स्पॉन्डिलाइटिस होने का कारण
स्पॉन्डिलाइटिस होने के पीछे खराब डाइट लेना, गलत पॉश्चर में बैठना, वर्कआउट ना करना, यूरिक एसिड का बढ़ना और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना जैसी तमाम वजहें हैं।
स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण
- थकान रहना
- जोड़ों में दर्द होना
- गर्दन-पीठ में होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- आंखों की सूजन आना
- हाथ-पैर में सूजन आना
इस तरह दर्द से मिलेगी राहत
- 95% बैक पेन में सर्जरी की जरूरत नहीं
- योग-वर्कआउट से दर्द में आराम होता है
- लाइफस्टाइल बदलने से आराम मिलेगा