आज के समय ओबेसिटी की समस्या बेहद आम हो चुकी है और यह ज्यादातर लोगों को अपना शिकार बना रही है। वहीं बेहद कम उम्र में ही बच्चे ओबेसिटी का शिकार हो रहे हैं। ओबेसिटी एक बड़ी समस्या है, परंतु यह स्वयं कई तरह के लाइफस्टाइल डिसऑर्डर और डिजीज का कारण बन सकती है।
यदि आपका बच्चा मोटापे से ग्रसित है, तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए तमाम तरह की बीमारियों के खतरे को बढ़ा देता है। लाइफस्टाइल की गतिविधियों में बदलाव कर सही समय पर बच्चों के शरीर में बढ़ते बॉडी फैट को कंट्रोल किया जा सकता है, परंतु इसके लिए उनके पेरेंट्स को अधिक एक्टिव रहना होगा। चाइल्ड ओबेसिटी को मैनेज करने के लिए हेल्थ बिफोर वेल्थ की फाउंडर और न्यूट्रीशनिस्ट सपना जयसिंह पटेल ने कुछ प्रभावी टिप्स दिए हैं।
बच्चों का क्यों बढ़ता है वजन
आमतौर पर बच्चों के बढ़ते वजन का सबसे बड़ा कारण है जंक और प्रोसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में अधिक मात्रा में कैलरी पाई जाती है, जिसकी वजह से वजन काफी तेजी से बढ़ता है। इसके अलावा कई बार पेरेंट्स के लापरवाही के कारण बच्चे शारीरिक गतिविधियों में भाग नहीं ले पाते। शारीरिक स्थिरता के कारण वे जितनी कैलरी इनटेक करते हैं, उतना बर्न नहीं कर पाते और ऐसे में वेट गेन हो सकता है।
इसके साथ ही कुछ जेनेटिक फैक्टर्स भी हैं, जिसकी वजह से बच्चों का वजन बढ़ाना शुरू हो जाता है। अगर बच्चा किसी ऐसी फैमिली से आता है जिनमें सभी लोग ओवरवेट हैं, तो बच्चे में भी यह जेनेटिकली ट्रांसफर हो सकता है और बच्चे का वजन बढ़ सकता है। ऐसे में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा छोटे बच्चों को भी तनाव हो सकता है। फैमिली प्रेशर और बच्चों की एक्सपेक्टशंस पूरी न होने पर वे एंजायटी और डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। जो बॉडी में हार्मोनल इंबैलेंस का कारण बनता है, जिसकी वजह से बॉडी वेट भी प्रभावित हो सकता है।
बच्चों में बॉडी वेट बढ़ने से कैसे रोकें
- खाना खाते वक्त बच्चों में टीवी देखने की आदत न बनाएं। टीवी के सामने भोजन करने से संतुष्टि की भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है जिसकी वजह से बच्चे ओवरइटिंग करने लगते हैं।
- कैलरी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित रखें। बच्चों को शुरुआत से ये समझाती रहें की हाई फैट फूड्स जैसे कैंडी, कुकीज़, या केक सेहत के लिए उचित नहीं है। हालांकि, बच्चों को कभी-कभार ये चीजें जरूर खिलाएं क्युकी टेस्ट डेवलप होना भी बहुत जरूरी है।
- बच्चों को घर के लंच, डिनर आदि के प्लान का हिस्सा बनाएं। बच्चों की भोजन संबंधी प्राथमिकताओं को समझें साथ ही उन्हें पोषक तत्वों के बारे में बताएं।
- बच्चो को नियमित रूप से पारिवारिक गतिविधियों में शामिल करें, जैसे लंबी पैदल यात्रा, योग और सक्रिय खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें। अपने बच्चों की शारीरिक गतिविधियों का समर्थन करें। उन्हें खेलने के लिए बाहर एक सुरक्षित, सुलभ जगह प्रदान करें।
- सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे पर्याप्त नींद ले रहे हों। नींद की कमी से उनका वजन बढ़ सकता है और वे ओबेसिटी का शिकार हो सकते हैं।
Also Read – ओरल हाइजीन की इन आदतों को करें शामिल, नहीं जाना होगा डेंटिस्ट के पास
बच्चा ओवरवेट है तो ये टिप्स करेंगे मदद
डाइट का रखें पूरा ध्यान
बच्चों को डाइट की समझ नहीं होती इसलिए उनके खान पान पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर आपका बच्चा छोटा है तो फैट, शुगर और कैलरी का विशेष ध्यान रखें। देखें की उन्हें इन चीजों का सेवन किस मात्रा में करना है और उसके अनुकूल डाइट प्लान करें। छोटे बच्चे डाइटिंग नहीं कर सकते और ये उचित भी नहीं है इसलिए ऐसी भूल न करें। उनके नियमित डाइट में उचित बदलाव लेकर आएं, जिसमें पौष्टिक, टेस्टी और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
फिटनेस को बढ़ावा दे
छोटी उम्र में बच्चों को अधिक मोटिवेशन की आवश्यकता होती है। ऐसे में अगर आपका बच्चा ओवरवेट है, तो आपको उनके साथ रोजाना के फिटनेस एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करना होगा। आप समय निकालें और अपने बच्चे के साथ वेट लॉस एक्सरसाइज, योग और अन्य फिजिकल एक्टिविटीज में भाग लें। वहीं आप चाहे तो बच्चों को डांस क्लास भेज सकती हैं, क्योंकि यह छोटी उम्र में वेट लॉस का एक सबसे अच्छा तरीका है। अगर आपका बच्चा किसी स्पोर्ट्स में दिलजस्ती रखता है, तो आप उन्हें उसके लिए भी इनकरेज कर सकती हैं।
फ्रिक्वेंट लेकिन छोटा मील
अगर आपका बच्चा ओवर वेट है, तो उन्हे एक बार में अधिक खाने से रोकें। बच्चों को अधिक फ्रिक्वेंटली खाने के लिए इनकरेज करें, और कुछ कुछ देर में उन्हें कुछ हेल्दी दें। इससे बच्चे संतुष्ट रहते हैं और खाना पूरी तरह से पच जाता है, जिससे की बॉडी में किसी प्रकार का एक्स्ट्रा फैट जमा नहीं होता।
घर के खाने की आदत बनाएं
बहुत सी महिला शुरुआत से ही अपने बच्चों को जंक और प्रोसैस्ड फूड्स देना शुरू कर देती हैं, जो बेहद गलत है। उन्हें घर के खाने की आदत लगाएं। लाड प्यार में बार-बार चॉकलेट और कैंडी लाना भी बंद कर दें। ऐसा नहीं है कि बच्चों को इन सभी चीजों से पूरी तरह वंचित रखना है, अगर उनका वजन बढ़ रहा है, तो उनकी सेहत को ध्यान में रखते हुए इन चीजों को जितना हो सके उतना सीमित करें। हफ्ते में एक बार उन्हें चॉकलेट या कैंडी दे सकती हैं। इसके अलावा कभी-कभार जंक फूड भी एंजॉय करने दें। केवल ध्यान रखें की अनहेल्दी फूड्स उनकी फर्स्ट चॉइस न बन जाए।