Actor Vikas Sethi Dies Of Cardiac Arrest: ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कहीं तो होगा’ और ‘कसौटी जिंदगी की’ में अपनी भूमिकाओं के लिए मशहूर टेलीविजन इंडस्ट्री के अभिनेता विकास सेठी की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई, वह 48 साल के थे। अभिनेता की मौत से प्रशंसकों को सदमा लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विकास लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिनेता की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई।

हृदय रोगों की गंभीर स्थितियां जैसे हार्ट फेलियर, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि ये सभी अलग-अलग तरह से हृदय को प्रभावित करती हैं। अधिकतर लोग इन्हें एक ही समस्या मान लेते हैं। कहीं आप भी उनसे तो नहीं हैं? अक्सर लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में कंफ्यूज रहते हैं, कई लोग इसे एक ही मानते हैं। जबकि असल में ये दो अलग-अलग स्थितियां हैं। आइए जानते हैं कि इनमें क्या अंतर है?
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बारे में जानिए | Actor Vikas Sethi Dies Of Cardiac Arrest
कार्डियक अरेस्ट (एससीए) अचानक से दिल की सभी गतिविधियों के बंद होने के कारण होता है। इसमें सांस बंद हो जाती है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है। तत्काल उपचार न मिल पाने की स्थिति में कार्डियक अरेस्ट जानलेवा हो सकता है। हार्ट अटैक, कोरोनरी धमनियों के अवरुद्ध हो जाने के कारण होने वाली समस्या है। यदि इस स्थिति को अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो हृदय तक रक्त का प्रवाह रुक जाता और पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। वहीं कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब व्यक्ति का हृदय रक्त को पंप करना ही बंद कर देता है। इस स्थिति में रोगी सामान्य रूप से सांस नहीं ले पाता है। यह दोनों ही स्थितियां जानलेवा मानी जाती हैं।

कार्डियक अरेस्ट में सीपीआर है मददगार | Actor Vikas Sethi Dies Of Cardiac Arrest
कार्डियक अरेस्ट का सामान्य कारण हृदय गति में आने वाली अनियमितता को माना जाता है। हृदय की विद्युत प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही होती है, तब यह समस्या हो सकती है। इस स्थिति में सीने में दर्द, दिल की धड़कन में अनियमितता, सांस लेने में कठिनाई, बेहोशी या चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है। विशेषज्ञ कहते हैं, समय पर अगर रोगी को सीपीआर दे दिया जाए तो उससे जान बचने की संभावना बढ़ जाती है। सीपीआर ऐसी तकनीक है जिसमें हृदय की धड़कन को जारी रखने के लिए छाती को दबाया जाता है। हालांकि हार्ट अटैक की तुलना में कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में सीपीआर के प्रभावी होने की संभावना थोड़ी कम होती है।

मरीज को आपातकालीन उपचार उपलब्ध कराना भी आवश्यक | Actor Vikas Sethi Dies Of Cardiac Arrest
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कार्डियक अरेस्ट होने पर तुरंत सीपीआर देना चाहिए। अंगों में रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए छाती को दबाने की ये तकनीक जान बचा सकती है। इसके अलावा रोगी को जितनी जल्दी हो सकते आपातकालीन उपचार उपलब्ध कराएं। जिन लोगों को पहले से हार्ट की समस्या रही है उन्हें इस तरह के खतरे से बचाव के बारे में पहले से अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।