सांस से जुड़ा संक्रमण कई बार बहुत ज्यादा परेशान करता है। यह वायरस या बैक्टीरिया जैसे कीटाणुओं के कारण होता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। यह आपके श्वास तंत्र के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है, जैसे कि नाक और गले या फेफड़े का निचला हिस्सा। यह संक्रमण साइनस या वोकल कॉर्ड जैसी जगहों पर भी हो सकता है।
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार सांस से संबंधित संक्रमण बच्चों और बुजुर्गों के लिए बहुत गंभीर है। जिन लोगों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है, उनमें सांस से संबंधित संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
कॉमन कोल्ड
कॉमन कोल्ड एक आम इंफेक्शन माना जाता है, लेकिन यह परेशान बहुत करता है। यह एक से दूसरे में तेजी से फैलने वाला इंफेक्शन है। लोगों को मौसम बदलने पर जुकाम की अधिक समस्या होती है। कॉमन कोल्ड गंभीर इंफेक्शन न बने, इसके लिए आप स्टीम लेते रहें। यह सबसे अच्छा घरेलू उपचार है। साथ ही कफ सिरप और नोजल स्प्रे भी डॉक्टर की सलाह अनुसार ले सकते हैं।
Also Read – Heart Desease के पीछे क्या है सबसे बड़ी वजह? American Study में आया सामने
ब्रोंकाइटिस
ब्रोंकाइटिस की समस्या फ्लू या संक्रमण के कारण होती है। इसके लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत और सांस फूलना भी शामिल है। इस बीमारी के लक्षण दो से तीन सप्ताह तक बने रह सकते हैं। इसके लक्षण नजर आने पर आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। इस पर घरेलू उपचार केवल सहयोग कर सकते हैं, लेकिन सही इलाज के लिए डॉक्टर की दवा जरूरी है।
साइनोसाइटिस
साइनोसाइटिस की समस्या बैक्टीरिया का संक्रमण है, जो साइनस ब्लॉकेज की समस्या से होती है। इसमें 7 से 21 दिनों तक बीमारी के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसमें कुछ घरेलू उपचार बहुत काम आते हैं, जैसे कि हल्दी, गर्म दूध और शहद का मिक्सचर लेने से साइनस में आराम मिल सकता है।
फैरिन्जाइटिस
कॉमन कोल्ड या फ्लू फैरिन्जाइटिस का कारण बन सकता है। इस समस्या के कारण गले में खराश, मसल्स पेन, खाना खाने में दिक्कत और लिम्फ नोड्स में सूजन की समस्या हो सकती है। इसमें भी कच्ची हल्दी वाला दूध बहुत आराम देता है। साथ ही आप अजवाइन को रोस्ट कर के, उसकी कपड़े में पोटली बनाकर उसे स्टीम की तरह लें और चेहरे की सिकाई भी करें। आपको बहुत जल्दी आराम मिलेगा।