चेन्नई. महानगर में दूषित पानी पीने से उल्टी दस्त की शिकायत के बाद कथित तौर पर एक 11 साल के बच्चे की मौत हो गई जबकि उसकी बहन का अस्पताल में इलाज चल रहा है। चेन्नई में रहने वाले बिहार के 11 वर्षीय बच्चे की शनिवार को एगमोर चिल्ड्रन्स अस्पताल में कथित तौर पर दूषित पेयजल या भोजन से मौत हो गई। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और अलग-अलग इलाकों में पानी की गुणवत्ता की जांच करने में जुट गया। रविवार को चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री एमए सुब्रमण्यन और महानगर निगम आयुक्त डा. जे राधाकृष्णन ने पीड़ित परिवार से सईदापेट में मुलाकात की।
बिहार का रहने वाला है पीड़ित
दोनों बच्चे युवराज और मीरा कुमारी के अभिभावक दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। परिवार जून महीने की शुरूआत में चेन्नई आया था। दोनों बच्चों ने गुरुवार को पेट दर्द, दस्त और उल्टी की शिकायत की। उसके बाद उनको एगमोर चिल्ड्रन्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, युवराज की शनिवार को बीमारी के कारण मौत हो गई और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल (आरजीजीजीएच) भेज दिया गया।
पानी के नमूनों पर हुआ परीक्षण
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युवराज की मौत के बाद ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन आयुक्त डा. जे. राधाकृष्णन ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण और चेन्नई मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों के साथ मिलकर प्रारंभिक जांच की। सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों ने इलाके से एकत्र किए गए पानी के नमूनों पर परीक्षण किए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का है इंतजार
तमिलनाडु के चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री एमए सुब्रमण्यन ने बताया कि सईदापेट और उसके आसपास के 250 स्थानों से पानी के नमूने एकत्र किए गए हैं और जांच रिपोर्ट में पानी के दूषित होने की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, अगर मानसून के दौरान पानी में क्लोरीन की मात्रा कम होती है तो ऐसी घटनाएं हो सकती हैं।
उन्होंने कहा पानी में क्लोरीन की मात्रा में सुधार के लिए चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि दस्त या उल्टी की शिकायत वाले अन्य लोगों की देखभाल की जा सके। उन्होंने कहा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सरकार अगली कार्रवाई पर फैसला करेगी।