महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए। कई रोग ऐसे हैं, जिनके होने का हमें पता भी नहीं चल पाता है। इन दिनों एक बड़ी संख्या में महिलाएं कैंसर से पीड़ित हो रही हैं। खासकर ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर महिला जननागों को प्रभावित कर देते हैं। इसका पता तब चलता है जब यह थर्ड स्टेज में आ चुका होता है। इस स्टेज में यह बीमारी लाइलाज हो जाती है। इसलिए इनके लक्षणों को जानना जरूरी है। जनवरी का महीना सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूकता का महीना है।
सर्वाइकल कैंसर जागरूकता महीना
जनवरी सर्वाइकल कैंसर जागरूकता महीना है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक होने के लिए साल के पहले महीने यानी जनवरी में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता महीना मनाया जाता है। सर्वाइकल कैंसर उन कुछ कैंसरों में से एक है, जिन्हें रोका जा सकता है इसलिए शुरुआत में इसके लक्षणों को जानना जरूरी है।
सर्वाइकल कैंसर के कारण
सर्वाइकल कैंसर तब होता है जब गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं प्रभावित हो जाती हैं। सर्विक्स गर्भाशय और योनि को जोड़ती है। यह कैंसर सर्विक्स के इनर टिश्यू को प्रभावित कर सकता है। यह शरीर के अन्य भागों (मेटास्टेसाइज़) में फैल सकता है। यह अक्सर फेफड़े, यकृत, यूरीनरी ब्लैडर, योनि और मलाशय में फ़ैल जाता है। सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण के कारण होते हैं। इसे टीके से रोका जा सकता है।
एचपीवी हो सकता है जिम्मेदार
सर्वाइकल कैंसर ऊतकों में असामान्य परिवर्तन से शुरू होता है। अधिकांश मामले एचपीवी के संक्रमण से जुड़े होते हैं। सर्वाइकल कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, इसलिए आमतौर पर गंभीर समस्या पैदा होने से पहले इसका पता लगाने और इलाज करने का समय होता है। पैप परीक्षणों के माध्यम से बेहतर जांच के कारण, इसके सर्वाइवल की संख्या अधिक है। 35-44 आयु वर्ग की महिला शारीरिक संरचना वाले लोगों में इसके होने की संभावना सबसे अधिक होती है। 65 वर्ष से अधिक उम्र होने पर इस कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
शुरुआत में सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को पहचानना आसान नहीं होता है। अन्य समस्याओं जैसे ही सर्वाइकल कैंसर के लक्षण नज़र आते हैं। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं –
सेक्स करने के दौरान तेज दर्द
योनि से असामान्य ब्लीडिंग इसके पहले लक्षण हो सकते हैं। सेक्स के बाद न सिर्फ दर्द अधिक होता है बल्कि ब्लीडिंग भी अधिक होती है। पीरियड के दौरान, मेनोपॉज़ के बाद या पैल्विक टेस्ट के बाद असामान्य योनि स्राव जो पानी की तरह हो, बहुत अधिक ब्लड फ्लो हो या तेज़ गंध वाला हो, तो ये सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
पेशाब करने में परेशानी
यदि कैंसर गर्भाशय ग्रीवा और आसपास के ऊतकों और अंगों में फैलता है, तो यह कई अन्य लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। यूरीन में ब्लड आने के साथ-साथ फ्रीक्वेंट यूरीनेशन और यूरीन पास पर कंट्रोल नहीं रहना भी हो सकता है।
पेल्विक रीजन में दर्द
सर्वाइकल कैंसर कभी-कभी पीठ दर्द या पेल्विक रीजन में दबाव या भारीपन का कारण भी बन सकता है। प्रारंभिक चरण के ट्यूमर से जुड़ी कोई भी असुविधा हल्की या सामान्य समस्या लग सकती है इसलिए सचेत रहना जरूरी है।
हड्डी में दर्द
यदि लगातार हड्डी में दर्द रहता है, तो यह कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। इसके कारण पैरों में सूजन, भूख न लगना और वजन कम होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
किडनी खराब होना
बहुत अधिक समस्या होने पर किडनी खराब होने का भी डर रहता है। थकान, कमर दर्द, पेट दर्द भी सर्वाइकल कैंसर की निशानी हो सकती है।
डॉक्टर से करें संपर्क
मेनोपॉज़ के बाद ब्लीडिंग कभी भी सामान्य नहीं होता है। यदि आपके साथ ऐसा होता है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से बात करें। यदि हेवी फ्लो होता है, तो डॉक्टर से तुरंत बात करनी चाहिए।