दुनिया के सबसे ताकतवर बॉडीबिल्डर इलिया गोलेम येफिमचिक (Illia Golem Yefimchik) का हार्ट अटैक से निधन हो गया। उनकी पत्नी ने बताया कि उनकी तबीयत छह सितंबर से खराब हुई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। येफिमचिक कोमा में जा चुके थे, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। बॉडीबिल्डर इलिया गोलेम अभी सिर्फ 36 साल के थे और उनकी मौत के बाद कम उम्र में Heart Attack को लेकर एक बार फिर चर्च में है।
इलिया गोलेम येफिमचिक को ‘द म्यूटेंट’ के नाम से भी जाना जाता है। मोनोस्टोरस और बॉडी बिल्डर के इनके सोशल मीडिया पर बहुत अधिक फॉलोअर्स थे, उन्हें 6 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गोलेम येफिमचिक बहुत अच्छी डाइट लेते थे। वह 100 सुशी के टुकड़े खाते थे। उनकी लंबाई 6’1 थी और वजन 340 पाउंड या 100 पाउंड था।
लाइफस्टाइल में बदलाव भी Heart Attack की वजह
आजकल बदलती लाइफस्टाइल के कारण युवाओं का दिल लगातार कमजोर हो रहा है। एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आजकल लोग जिस तरह की जीवनशैली जी रहे हैं, उसका असर उनके दिल पर पड़ रहा है। इस वजह से दिल के दौरे जैसी घातक बीमारियां बढ़ रही हैं। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि साल 2015 तक भारत में लगभग 6.5 करोड़ लोग हृदय रोग से पीड़ित थे। हैरानी की बात यह है कि इनमें से लगभग 2.5 करोड़ लोग 40 साल या उससे कम उम्र के हैं।
WHO की रिपोर्ट पर एक नजर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ताजा रिपोर्ट भी भारतीयों को डरा देगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बीते 10 सालों में हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या में 75 फीसदी की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में अकेले दुनिया भर में दिल की बीमारियों से लगभग 1.80 करोड़ लोगों की मौत हो गई। इनमें से 85 फीसदी मौतें अकेले दिल के दौरे के कारण होती हैं।
इस वजह से होता है Heart Attack
हृदय रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, हृदयाघात की स्थिति को ‘मायोकार्डियल इनफार्क्शन’ कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जहां हृदय के एक हिस्से में रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है और इसके कारण रक्त और ऑक्सीजन लंबे समय तक नहीं पहुंच पाता है। इस कारण यह काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति की मौत हो जाती है। दिल का दौरा पड़ने का मुख्य कारण आमतौर पर रक्त के थक्कों का जमा होना है। इसे रक्त का थक्का जमना भी कहा जाता है, जो धमनियों में वसा जमा होने के कारण होता है।