शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी तरह के आवश्यक तत्वों का बैलेंस होना बेहद जरूरी है। ऐसा ही एक तत्व है ‘हीमोग्लोबिन’ जो हमारे रक्त में पाया जाता है। अगर इसका स्तर कम हो जाए, तो हमारे शरीर में कई तरह के रोग पैदा हो जाते हैं। वहीं, यदि इसका स्तर जरूरत से ज्यादा भी हो जाए, तब भी यह हमारे लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसकी कमी के कारण आप खून की कमी के शिकार यानी एनीमिया से पीड़ित हो जाते हैं। लेकिन, यदि शरीर में हीमोग्लोबिन जरूरत से ज्यादा हो जाए, तो आप हेमोक्रोमैटोसिस नामक रोग के शिकार हो जाते हैं।
इस विषय पर नोएडा स्थित फोर्टिस अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के निदेशक डॉ अजय अग्रवाल ने खास जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया है कि शरीर में ज्यादा हीमोग्लोबिन होने के कारण कौन सी समस्याएं हो सकती हैं? आइए, जानते हैं विस्तार से –
हीमोग्लोबिन बढ़ने से होती हैं ये समस्याएं
शरीर में हीमोग्लोबिन खून के अंदर पाया जाने वाला एक तत्व है, जो हमारी रेड ब्लड सेल्स के अंदर उपस्थित होता है। हीमोग्लोबिन का काम हमारे शरीर में मौजूद ऑक्सीजन को अलग-अलग अंगों तक पहुंचाना होता है। रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ने की वजह बोनमैरो में रक्त बनने की प्रक्रिया में गड़बड़ी होना है। इसे मेडिकल भाषा में पॉलिसाइथीमिया कहते हैं। इसकी वजह से आपको कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए, जानते हैं शरीर में ज्यादा हीमोग्लोबिन होने से कौन-कौन सी परेशानियां हो सकती हैं –
रक्त के थक्के बनना
हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ने से रक्त गाढ़ा होने लगता है और रक्त का प्रवाह भी प्रभावित होता है। वहीं गाढ़े रक्त के थक्के बनने लगते हैं, जिससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।
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नाक और आंतों में ब्लीडिंग
हीमोग्लोबिन बढ़ने से हमारी नाक और आंतों में ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। रेड ब्लड सेल्स में आयरन की मात्रा अधिक होने के कारण इसका खतरा बढ़ जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर
शरीर में हीमोग्लोबिन ज्यादा होने से रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे रक्त वाहिकाओं पर ज्यादा दबाव पड़ता है। इसके कारण आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो लंबे समय में ह्रदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की बीमारियों का कारण बन सकता है।
अंगों को नुकसान
हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ने से लिवर, किडनी और स्प्लीन आदि प्रमुख अंगों पर अधिक जोर पड़ सकता है, जिससे ये अंग कमजोर होकर डैमेज हो सकते हैं।
दिमागी क्षमता पर प्रभाव
हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ने से आपके दिमाग की काम करने की क्षमता कमजोर हो सकती है। इसकी वजह से आपकी सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। इससे आपको मेमोरी लॉस और कंफ्यूजन की स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है।
त्वचा में परिवर्तन
शरीर में ज्यादा हीमोग्लोबिन का स्तर ऑक्सीजन-रिच खून सतह के नजदीक जमा हो जाता है, जिससे चेहरे, हाथ-पैर लाल या बैंगनी रंग के हो सकते हैं।
हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर कितना होना चाहिए?
सामान्य मानव शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा 14-16 प्रति डेसीलीटर होती है। इसका स्तर पुरुषों में 15-16 तो वहीं महिलाओं में 13-14 प्रति डेसीलीटर होना चाहिए। इस स्तर से कम या ज्यादा होने पर हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए हानिकारक होने लगता है।