बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद डॉक्टरों ने उनकी एंजियोप्लास्टी की है। बताय गया कि वे एक फिल्म की शूटिंग से घर लौटे तो उनको घर पर ही हार्ट अटैक आ गया था जिसके बाद उनके फैंस काफी परेशान हो गए थे। अस्पताल पहुंचाए जाने पर श्रेयस की एंजियोप्लास्टी की गई और ये सर्जरी सफल हुई।
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क्या होती है एंजियोप्लास्टी ?
एंजियोप्लास्टी एक ऐसी मेडिकल सर्जरी होती है जो हार्ट अटैक के कारण ब्लॉक हुई कोरोनरी आर्टरीज को खोलने के लिए की जाती है। इसमें ओपन हार्ट सर्जरी के बिना ही हार्ट की मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन को फिर से सुचारू किया जाता है। डॉक्टरी भाषा में एजियोप्लास्टी को परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआई) भी कहा जाता है। आमतौर पर हार्ट अटैक के बाद इमरजेंसी स्थिति में इस सर्जरी को किया जाता है।
इसके अलावा दिल के मरीज़ की स्थिति को देखते हुए उनके डॉक्टर भी इसकी समय आने पर सलाह देते हैं। एंजियोप्लास्टी में कैथेटर को ब्लड वैसल में डाला जाता है और उसके जरिए ब्लॉक आर्टरी को खोलने की कोशिश की जाती है। कैथेटर के अंदरूनी सिरे पर एक गुब्बारा होता है और कैथेटर के ब्लड वैसल में जाने के बाद उसको फुलाया जाता है जिससे उसके प्रेशर से ब्लड क्लॉट या प्लैक साफ होता है और ब्लड सर्कुलेशन फिर से बहाल हो जाता है।
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एंजियोप्लास्टी सर्जरी है या ऑपरेशन?
एंजियोप्लास्टी एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, लेकिन यह अभी भी सर्जरी है। लोगों को पहले से ही अपने डॉक्टर के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करना चाहिए। अगर आप कोई भी दवा ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर को सूचित करें।
इसमें कितना खर्चा आता है?
एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया और इसमें पड़ने वाले स्टेंट की कीमत हर देश में अलग अलग निर्धारित है। भारत में मरीज के ह्रदय में पड़ने वाले स्टेंट की कीमत 10 से 20 हजार के बीच होती है। आमतौर पर स्टेंट के खर्चे भी हर अस्पताल में अलग अलग होते हैं। सरकारी अस्पताल में स्टेंट की कीमत भले ही कम हो लेकिन इसे लगाने का खर्च ही काफी हो जाता है। वहीं अगर निजी अस्पतालों की बात ककी जाये तो पूरी एंजियो प्लास्टी का खर्च 2 से 3 लाख के बीच आता है। हालांकि भारत सरकार ने देश भर में स्टेंट की कीमत तय कर दी है लेकिन इसके बावजूद इसकी कीमत अलग-अलग रखी जा रही है।
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एंजियोप्लास्टी के बाद क्या होता है?
ज्यादातर मामलों में, एंजियोप्लास्टी के बाद कोरोनरी धमनियों के माध्यम से रक्त प्रवाह में सुधार होता है। लेकिन बहुत से लोगों को लगता है कि उनके लक्षण काफ़ी बेहतर हो गए हैं और वे प्रक्रिया से पहले जितना कर सकते थे, उससे कहीं अधिक करने में सक्षम हैं।
एंजियोप्लास्टी के बाद बरतें ये सावधानी
अगर गैर-आपातकालीन स्थिति में मरीज की एंजियोप्लास्टी की गई हो तो 1-2 दिन अस्पताल में रहकर मरीज हफ्ते-10 दिन में अपनी नॉर्मल दिनचर्या में वापस जा सकता है। लेकिन अगर दिल का दौरा पड़ने के बाद एंजियोप्लास्टी की गई हो तो मरीज के अस्पताल में रहने के दिन और रिकवरी का समय दोनों बढ़ जाता है। इसके अलावा मरीज को डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों को सही समय पर लेना चाहिए। उन्हें धूम्रपान से बचना चाहिए, कोलेस्ट्ऱॉल का लेवल न बढ़े, इस पर नजर रखनी चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए और वजन भी अधिक नहीं बढ़ने देना चाहिए।