भारत में 11 लाख बच्चों पर खसरे का खतरा मंडरा रहा है। ऐसा हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक सामने आया है। WHO का कहना है कि साल 2022 में 11 लाख बच्चों को खसरे के टीके की पहली डोज नहीं लगी थी। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दी है। आपको बता दें कि खसरा एक संक्रामक बीमारी है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। इसे नजरअंदाज करना कई बार अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन सकता है। यह बीमारी लार या बलगम के जरिए फैलती है। आमतौर पर बच्चे इस समस्या का ज्यादा शिकार होते हैं। आइए, जानते हैं रिपोर्ट के बारे में-
स्वास्थ्य मंत्रालय ने खारिज की रिपोर्ट
डब्लूएचओ और सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 लाख बच्चों पर खसरे का खतरा है। इस रिपोर्ट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इस रिपोर्ट के बाद से भारत का नाम भी इस बीमारी की लिस्ट में शामिल हो गया है। साल 2022 में खसरे के 40,967 मामले सामने आए थे। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में खसरे की वैक्सीन को साल 2023 तक 95 प्रतिशत लोगों तक पहुंचाए जाने की उम्मीद की जा रही है। रिपोर्ट की मानें तो साल 2022 में 33 मिलियन लोग ऐसे हैं, जिन्होंने खसरे की वैक्सीन की एक या फिर दोनों डोज नहीं लगवाई है।
हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने डब्लूएचओ और सीडीसी की रिपोर्ट को शनिवार को खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि रिपोर्ट्स तथ्य पर आधारित नहीं है। मंत्रालय के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) के मुताबिक 2,63,84,580 बच्चों में से 2,63,63,270 को खसरा युक्त वैक्सीन (MCV) की पहली खुराक मिली थी।
खसरे के लक्षण
- आंखें लाल होना या कमजोर होना भी इसका लक्षण माना जाता है।
- खसरे की शुरूआत आमतौर पर खांसी, जुकाम से होती है।
- इस स्थिति में त्वचा पर चकत्ते होने के साथ ही खुजली भी हो सकती है।
- खसरा होने पर मांसपेशियों और जोड़ों में भी दर्द हो सकता है।
- ऐसे में खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।
शरीर के ये अंग होते हैं प्रभावित
पहले खसरा बचपन का एक सामान्य संक्रमण था। संक्रमित व्यक्ति शुरू में बुखार, खांसी, नाक बहने, लाल आँखें और मुंह के अंदर सफेद धब्बे के साथ दिखेंगे। यह 3 से 7 दिनों के बाद एक लाल थब्बे त्वचा के चकत्ते द्वारा होता है, जो आमतौर पर चेहरे से शरीर के बाकी हिस्सों में फेलता है। दाने आमतौर पर 4 -7 दिनों तक रहते हैं, लेकिन 3 सप्ताह तक लगातार रह सकते हैं और बाद में भूरे रंग की धुंधले धब्बे और कभी-कभी त्वचा की छीली रह सकती है। गंभीर मामलों में, फेफड़े, आंत और मस्तिष्क शामिल हो सकते हैं और जो गंभीर परिणाम या मृत्यु तक ले जा सकते हैं।
खसरे का उपचार
एक बार खसरे का संक्रमण हो जाने पर इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है । उपचार में लक्षणों से राहत के लिए आरामदायक उपाय प्रदान करना, जैसे आराम करना और जटिलताओं का इलाज करना या उन्हें रोकना शामिल है।