आपकी उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। महिलाओं का मेटबॉलिज्म धीमा हो जाता है यानी वजन बढ़ता तो तेजी से है, लेकिन घटता बहुत धीरे-धीरे है। मेनोपॉज के कारण हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे जोड़ों में दर्द रहता है। ऐसे में जरूरी है कि ऐसी डाइट ली जाए, जो उन्हें स्वस्थ रखे। इम्यूनिटी और हड्डियां मजबूत करे, जिससे उनकी सेहत 30 साल की उम्र पार करने के बाद भी दुरुस्त रहे।
फरीदाबाद में मेट्रो हार्ट एंड कैंसर इंस्टीट्यूट की सीनियर डाइटिशियन कौशिकी गुप्ता ने बताया कि जो महिलाएं 30 साल की उम्र पार कर चुकी हैं, उन्हें रोज पपीता खाना चाहिए। पपीते में पपैन नाम का एंजाइम होता है, जो प्रोटीन को तोड़ने में मदद करता है। इसलिए ये हाजमे की प्रक्रिया को आसान बनाता है यानी पेट अच्छे से साफ करता है। ऐसे में जिन महिलाओं को कब्ज की शिकायत रहती है, उनके लिए तो ये रामबाण है।
वजन भी होता है कंट्रोल
पपीते में विटामिन सी भी होता है, जो स्किन को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाए रखता है। साथ ही इसमें कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है यानी इसे खाने के बाद पेट देर तक भरा महसूस होता है। आप ओवरईटिंग नहीं करते और वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
पालक
पालक में फाइबर होता है, जिससे स्टूल आसानी से पास होता है। इसमें नाइट्रेट भी होता है, जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखता है। यह दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम घटाता है। पालक में एंटीऑक्सीडेंट्स भी खूब होते हैं, जो हमारे सेल्स को नुकसान से बचाते हैं और लंबे वक्त तक चलने वाली बीमारियों का रिस्क कम करते हैं।
शकरकंद
डाइटिशियन कौशिकी कहती हैं कि आप चाहें तो शकरकंद भी खा सकते हैं। इसमें बीटा कैरोटीन होता है, जो शरीर में जाकर विटामिन ए में बदल जाता है। ये हमारी आंखों का ख्याल रखता है और सूरज की नुकसानदायक किरणों से होने वाले डैमेज को कम करता है। बीटा कैरोटीन से हमारा इम्यून सिस्टम भी हेल्दी रहता है। शकरकंद में फाइबर भी खूब होता है यानी इसे खाने से हमारे पेट में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं और स्टूल आराम से पास होता है।
अखरोट
कौशिकी गुप्ता आगे कहती हैं कि ड्राई फ्रूट खाने का मन है तो आप अखरोट खा सकते हैं। इसमें ओमेगा थ्री फैटी एसिड होता है, जो हमारे दिल, दिमाग, स्किन और जोड़ों के लिए बहुत जरूरी हैं। ओमेगा थ्री से हाई ब्लड प्रेशर कम होता है। ट्राइग्लिसराइड का लेवल घटता है और गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां न हों।
अखरोट में प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में होता है। 100 ग्राम अखरोट में लगभग 15 ग्राम प्रोटीन होता है। प्रोटीन हमारे सेल्स की मरम्मत करता है और नई कोशिकाएं भी बनाता है। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं यानी इसे खाने से शरीर की अंदरूनी सूजन कम होती है।