विश्व में मौत के प्रमुख कारणों में से हृदय रोगों को भी प्रमुख माना जाता है। इससे हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। मगर, क्या आप जानते हैं कि हृदय रोग (Heart Disease) और हार्ट अटैक (Heart Attack) की ही तरह स्ट्रोक (Stroke) का जोखिम भी वैश्विक स्तर पर बढ़ता जा रहा है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि विश्व स्तर पर युवा वयस्कों में स्ट्रोक की घटनाएं बढ़ रही हैं।स्ट्रोक को ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) के नाम से भी जाना जाता है। ये समस्या तब होती है, जब कोई चीज मस्तिष्क के हिस्से में रक्त की आपूर्ति को अवरुद्ध करने लगती है या जब मस्तिष्क में रक्त वाहिकाएं किसी कारण से फट जाती हैं।
इसी से संबंधित अध्ययनों के विश्लेषण के मुताबिक, बीते 30 सालों में स्ट्रोक जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से पीड़ित या मृतकों की संख्या में 18% की वृद्धि देखी गई हुई है। लैंसेट न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित यह शोध काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि न्यूरोलॉजिकल स्थितियों का स्वास्थ्य बोझ पहले की तुलना में कहीं अधिक हो गया है। स्ट्रोक के जोखिमों की रोकथाम और इलाज के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जीवित बचे लोगों के लिए बेहतर देखभाल और सहायता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से हर साल 29 अक्तूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस (World Stroke Day) मनाया जाता है।

स्ट्रोक के बारे में जानकारी जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि स्ट्रोक किसी को भी हो सकता है। युवा-बुजुर्ग सभी लोगों को इसके जोखिमों को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता है। स्ट्रोक मुख्यरूप से दो प्रकार के होते हैं। इस्केमिक स्ट्रोक- मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों के कारण होता है। रक्तस्रावी स्ट्रोक (हेमोरेजिक स्ट्रोक)- मस्तिष्क में रक्त वाहिका के लीक होने या फटने के कारण होता है।लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को स्ट्रोक के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक माना जाता है।
युवाओं में बढ़ते स्ट्रोक का कारण
Health Expert कहते हैं कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा और हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया जैसी स्थितियां स्ट्रोक के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती हैं। इसी को लेकर किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि धूम्रपान के कारण युवा आबादी स्ट्रोक का अधिक शिकार हो रही है। इतना ही नहीं सेकेंड हैंड स्मोकिंग के कारण भी इसका जोखिम बढ़ता देखा जा रहा है। जर्नल ई क्लीनिकल मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया, धूम्रपान करने वालों में, कभी धूम्रपान न करने वालों की तुलना में स्ट्रोक होने का खतरा अधिक होता है। ये इस्केमिक स्ट्रोक के लिए प्रमुख कारण हो सकता है।
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धूम्रपान सबसे ज्यादा हानिकारक
अध्ययनकर्ताओं की टीम ने पाया कि 50 वर्ष से कम उम्र के लोग जो अधिक धूम्रपान करते थे (एक दिन में 20 से अधिक सिगरेट) उनमें स्ट्रोक का जोखिम दोगुना से अधिक हो सकता है। धूम्रपान की आदत युवा आयु वर्ग के लोगों में, मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली बड़ी वाहिकाओं को क्षति पहुंचाती हुई देखी गई है। इससे हाई ब्लड प्रेशर को भी जोखिम हो सकता है, जिसके कारण स्ट्रोक के साथ-साथ हार्ट अटैक होने का भी खतरा बढ़ सकता है।शोधकर्ताओं ने कहा कि इस अध्ययन के निष्कर्ष तंबाकू के उपयोग और इसके जोखिमों पर गंभीरता से प्रकाश डालते हैं।

इन जोखिम कारकों को लेकर भी अलर्ट
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि स्ट्रोक जानलेवा स्थिति है, जो लोग स्ट्रोक के बाद जीवित बच जाते हैं उनमें लकवा और अन्य गंभीर स्वास्थ्य विकारों का जोखिम हो सकता है, इसलिए इसके जोखिम कारकों को जानना और उससे बचाव के लिए प्रयास करना जरूरी है।हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मोटापा और मधुमेह, ये स्ट्रोक के पांच प्रमुख कारण हैं। युवाओं को सेहत पर गंभीरता से ध्यान देना जरूरी है। लाइफस्टाइल और आहार में सुधार करके इन सभी जोखिम कारकों से बचाव किया जा सकता है।