उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक चार साल के बच्चे की च्वीइंग गम (Chewing Gum) टॉफी खाने से मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बच्चे ने अपने घर के दुकान से एक च्विंगम टॉफी ली थी, जिसे खाने के बाद उसके गले में टॉफी फंस गई और फिर देखते ही देखते बच्चे की मौत हो गई। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सच में च्वींगम या टॉफी बच्चों के लिए इतना ज्यादा खतरनाक हो सकता है, जिससे जान तक चली जाए।

दरअसल, च्वीइंग गम चिपचिपी और खिंचने वाली चीज होती है, इसलिए इसको घंटों चबाने के बाद भी इसके आकार में कोई बदलाव नहीं होता है। माना जाता है कि च्वीइंग गम निगलने पर ये हमारे पेट की लाइनिंग में बनी रहती है और आंतों में ब्लॉकेज का कारण बन सकती है। हालांकि, कई लोगों में भ्रम है कि ये हमारे पाचन मार्ग में 7 साल तक रहती है।खासकर छोटे बच्चों के लिए च्यूइंगम काफी ज्यादा खतरनाक होती है, क्योंकि उनके खाने की नली छोटी होती है और उसमें अगर कोई चीपचीपी चीज अटक जाए तो काफी ज्यादा प्रॉब्लम करती है।
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डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी
च्वीइंग गम ऐसी चीज से बनी होती है कि यह किसी चीज में न घुल सकती है और न ही मिल सकती है। हमारा शरीर इसे पचाने में असमर्थ होता है। यह शरीर में डाइजेस्टिव एंजाइम प्रोड्यूस नहीं करता है और न ही यह इनटेक्ट के साथ-साथ पेट में बना रहता है। हालांकि, कुछ घंटे या दिन के बाद हमारे पाचन तंत्र के जरिए होते हुए मल के जरिए बाहर निकल जाता है। अगर च्यूइंगम मल के जरिए बाहर नहीं निकली तो यह आंत में चिपक जाती है, जिसके कारण यह ब्लॉकेज का कारण भी बन सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से खास सलाह लेना जरूरी है। च्यूइंगम अगर काफी देर तक पेट में रहे तो उल्टी, जी मिचलाना जैसी दिक्कत हो सकती है। च्यूइंगम निगलने से सिर्फ बच्चों को ही नहीं बड़ों को भी शिकायत हो सकती है, इसलिए जरूरी है कि इसे कम से कम खाएं।