Diet in Weather Change: मौसम परिवर्तन होते ही सभी को कुछ न कुछ एतिहात बदलने की जरूरत होती है। मौसम बदलने के साथ ही खान-पान का खास ध्यान रखना भी बेहद जरूरी हो जाता है। उदाहरण के लिए, उत्तर भारत में कभी तेज़ बारिश का मौसम है तो कभी तेज़ धूप, ऐसी में हमें शरीर को स्वस्थ्य और इम्युनिटी को मज़बूत करने के लिए अपने डाईट प्लान में बदलाव करने की जरूरत है। इसके साथ ही हमने आस-पास के वातावरण को भी सही करने की जरूरत है। जिससे हम बीमारियों को न्योता न दें। इस सीजन में संक्रमण का खतरा अधिक होता है, इसलिए खाने से पहले और बाद में हाथों को अच्छे से धोएं। फलों और सब्जियों को साफ पानी में अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल करें।
इन बातों का रखें ध्यान | Diet in Weather Change
इस मौसम में बासी और ठंडा खाना खाने से बचें। ताजे और गर्म खाने का सेवन करें क्योंकि गर्म खाना खाने से बैक्टीरिया मर जाते हैं और संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। बारिश के मौसम में शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं। नारियल पानी, छाछ और नींबू पानी का सेवन भी फायदेमंद होता है। मानसून में पत्तेदार सब्जियों में कीटाणु और बैक्टीरिया का खतरा अधिक होता है, इसलिए पत्तेदार सब्जियों से परहेज करें। इसके बजाय गाजर, लौकी, तोरई आदि सब्जियों का सेवन करें।
पाचन संबंधी समस्याओं को रोकना जरूरी | Diet in Weather Change
मसालेदार और तैलीय भोजन से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए हल्का और संतुलित भोजन करें। स्टीम्ड, ग्रिल्ड या बेक्ड खाना खाने की कोशिश करें। फल खाने से शरीर को आवश्यक विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं, लेकिन मानसून में फलों का सेवन करने से पहले उन्हें अच्छे से धो लें। सेब, नाशपाती, पपीता और अनार का सेवन कर सकते हैं। अदरक और तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो सर्दी-खांसी और गले की खराश से बचाते हैं।
अदरक की चाय और तुलसी के पत्तों का सेवन करें। मानसून में बाहर का खाना खाने से बचें क्योंकि सड़क किनारे बिकने वाले खाने में सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। दही और छाछ का सेवन पेट को ठंडक प्रदान करता है और पाचन में मदद करता है। रोजाना एक कप दही या छाछ का सेवन करें। जंक फूड सेहत के लिए नुकसानदायक होता है, खासकर मानसून में। पिज्जा, बर्गर, चिप्स आदि से बचें और घर का बना पौष्टिक खाना खाएं।
डायबिटीज और हृदय रोग के मरीज रखें इन बातों का ध्यान | Diet in Weather Change
मानसून के मौसम में डायबिटीज और हृदय रोग के मरीजों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस मौसम में संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए उन्हें संतुलित और स्वस्थ आहार अपनाना जरूरी है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनका पालन करके डायबिटीज और हृदय रोग के मरीज अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए सुझाव | Diet in Weather Change
संतुलित आहार: उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि ओट्स, जई, सब्जियाँ, और फलियों का सेवन करें।सफेद चावल और मैदा से बने खाद्य पदार्थों से बचें। इनके बजाय ब्राउन राइस और मल्टीग्रेन आटा का उपयोग करें।
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ: कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों का सेवन करें, जैसे कि सेब, नाशपाती, और संतरा।उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि केला और अंगूर से परहेज करें।
छोटे–छोटे हिस्सों में भोजन करें: एक साथ अधिक मात्रा में भोजन करने की बजाय, छोटे-छोटे हिस्सों में भोजन करें। इससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें। उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं।
नमक और चीनी का सेवन सीमित करें: नमक और चीनी का सेवन कम करें। प्रोसेस्ड और पैक्ड खाद्य पदार्थों से बचें।
हृदय रोग के मरीजों के लिए सुझाव | Diet in Weather Change
कम वसा वाला आहार: तैलीय और मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचें। स्टीम्ड, ग्रिल्ड, या बेक्ड खाद्य पदार्थों का सेवन करें।ट्रांस फैट और संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें। इनके बजाय स्वस्थ वसा जैसे कि ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
फल और सब्जियों का सेवन: हरी पत्तेदार सब्जियाँ, फल, और साबुत अनाज का सेवन करें। यह आपके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।मानसून में पत्तेदार सब्जियों से बचें और गाजर, लौकी, और तोरई जैसी सब्जियों का सेवन करें।
नमक का सेवन कम करें: नमक का सेवन कम करें क्योंकि अधिक नमक से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। कम सोडियम वाले विकल्पों का उपयोग करें।
प्रोटीन का स्रोत: प्रोटीन के लिए दाल, मछली, और चिकन का सेवन करें। रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट से परहेज करें।
अल्कोहल और कैफीन का सेवन सीमित करें: अल्कोहल और कैफीन का सेवन कम करें क्योंकि ये आपके हृदय पर दबाव डाल सकते हैं।
सामान्य सावधानिया
व्यायाम: नियमित व्यायाम करें। हल्के योग और पैदल चलना आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
ध्यान और तनाव प्रबंधन: ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकों का अभ्यास करें। तनाव को नियंत्रित करने के लिए मेडिटेशन करें।
नियमित चेकअप: अपने डॉक्टर से नियमित रूप से चेकअप कराएं और उनके निर्देशों का पालन करें।