अगर आपके पैरों में कुछ अलग तरह के साइन नजर आते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि, इन छोटी-मोटी समस्याओं को नजरअंदाज करने से ये गंभीर भी हो सकती हैं। ऐसी ही एक समस्या डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis-DVT) है। इसमें पैरों के नसों के अंदर खून जम जाता है। अगर समय पर इसका इलाज न हो तो पैर काटने तक की नौबत आ जाती है।
ये बीमारी तब अधिक खतरनाक हो जाती है, जब ब्लड क्लॉट ब्रेक होकर खून के साथ शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचता है। डीप वेन थ्रोम्बोसिस के कारण पैरों में दर्द या सूजन हो सकती है। कभी-कभी DVT पैनक्रिएटिक कैंसर का पहला वॉर्निंग साइन भी हो सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि 70% तक कैंसर मरीज ब्लड क्लॉटिंग के बढ़ते जोखिम से अनजान थे। ऐसे में पैरों में दिखने वाली इस समस्या को कभी भी इग्नोर नहीं करना चाहिए।

क्या कहती है Research?
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, European Cancer Patient Alliance (ECPC) के एक सर्वे में पाया गया कि डीप वेन थ्रोम्बोसिस, पैनक्रिएटिक कैंसर का संकेत हो सकता है। ऐसे में पैरों के इस तरह के लक्षण से सावधान रहना चाहिए। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पैनक्रिएटिक कैंसर की वजह से खून चिपचिपा हो सकता है, जिससे थक्के जमने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे डीप वेन थ्रोम्बोसिस जैसी कंडीशन हो सकती है, जो अक्सर बीमारी के शुरुआती संकेतों में से एक है।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षण (Symptoms of Deep Vein Thrombosis)
पैरों में दर्द
पैरों में सूजन
पैरों में लालिमा
पैरों का गर्म होना

कब हो जाना चाहिए Alert?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसका एक लक्षण सांस की तकलीफ है, जो तब होता है जब खून का थक्का उखड़ जाता है और फेफड़ों तक चला जाता है, जिसकी वजह से सीने में तेज दर्द या सांस लेने की समस्या होती है। इसे पल्मोनरी एम्बोलिज्म भी कहा जाता है, जो इमरजेंसी कंडीशन है। हालांकि, द कैंसर सोसाइटी कहती है कि खून का थक्का जमने का मतलब आमतौर पर यह नहीं है कि आपको कैंसर है। अधिकतर खून के थक्के अन्य चीजों की वजह से होते हैं।
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क्या होता है पेनक्रिएटिक कैंसर? (What is Pancreatic Cancer?)
पैनक्रियाज पाचन तंत्र का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह पेट के पीछे होता है, जो खाने को पचाने के लिए कई जरूरी एंजाइम्स बनाने का काम करता है। इसके साथ ही ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन बनाता है। जब पैनक्रियाज के सेल्स असामान्य गति से बढ़ने लगते हैं, तब ट्यूमर का रूप लेते हैं। इसे ही पेनक्रिएटिक कैंसर (Pancreatic Cancer) कहते हैं। इसकी सही समय पर पहचान न की जाए तो खतरनाक हो सकता है।