Liver Cancer: दिग्गज अभिनेता और कॉमेडियन अतुल परचुरे का 57 साल की उम्र में में निधन हो गया। वह कैंसर से लड़ रहे थे, सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। एक इंटरव्यू के दौरान अतुल ने खुलासा किया कि साल 2023 में डॉक्टरों द्वारा उनके लीवर में 5 सेमी का लंबा ट्यूमर पाया गया। एक्टर ने बताया कि कैंसर के निदान को स्वीकार करना उनके लिए आसान नहीं था। एक्टर ने खुलासा किया था कि लिवर कैंसर का पता चलने के बाद उन्हें उचित इलाज नहीं मिला, जिसके कारण उनकी कैंसर की बीमारी और सेहत दोनों बिगड़ गई।
वह ठीक तरीके से चल फिर पाने में और बात करने में मुश्किलों का सामना करने लगे थे, जिसका बुरा असर उनके प्रोफेसन और हेल्थ दोनों पर पड़ा। लीवर कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जो कई कारणों से होती है। लीवर में कई तरह के कैंसर हो सकते हैं। लीवर कैंसर का सबसे आम प्रकार हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा होता है, जिसकी शुरूआत लिवर सेल (हेपेटोसाइट) में होती है। इसके अलावा कुछ अन्य प्रकार के लीवर कैंसर भी हैं, जिसमें इंट्राहेपेटिक कोलेंजियोकार्सिनोमा और हेपेटोब्लास्टोमा, बहुत कम आम हैं। इसके लक्षण, कारणों और निदान, उपचार के बारे में पूरी जानकारी बताएंगे। आईए जानते हैं लिवर कैंसर के बारे में सब कुछ।
तो इस वजह से होता है लीवर कैंसर | Liver Cancer
लिवर कैंसर की बीमारी तब होती है जब लिवर सेल्स के डीएनए में परिवर्तन विकसित होते हैं। इस दौरान सेल्स कंट्रोल में नहीं रहती और अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं और आखिरी में एक ट्यूमर का निर्माण करती है जो कैंसर सेल्स का एक ग्रुप होता है। कभी-कभी लिवर कैंसर का कारण पता होता है जैसे कि क्रॉनिक हेपिटाइटिस इन्फेक्शन। हालांकि, लिवर कैंसर ऐसे लोगों को भी अपना शिकार बनाता है जिनमें कोई जन्मजात या गुप्त बीमारी नहीं होती। स्पष्ट नहीं होता किस बीमारी का कारण क्या है। हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो पित्त नलिकाओं में लंबे समय तक रहने वाली सूजन आईएचसी (HIC) विकसित होने के खतरे को बढ़ा सकता है। यह लंबे समय तक रहने वाली सूजन डीएनए में परिवर्तन की वजह बन सकती है, जो हेल्दी सेल्स को असामान्य कोशिकाओं में चेंज कर देती है।

इन लक्षणों की पहचान जरूरी | Liver Cancer
लिवर कैंसर के फर्स्ट स्टेज में अधिकतर लोगों में कुछ खास लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन कुछ मरीजो में भूख में कमी, उल्टी पेट में सूजन, कमजोरी, थकान, पीलिया, सफेद मल गहरे रंग का यूरिन, मतली जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। अगर आपके डॉक्टर लिवर कैंसर के संकेत या लक्षण के बारे में बताते हैं तो आपको ब्लड टेस्ट, लिवर फंक्शनल टेस्ट, लिवर एंजाइम, की जांच कराने के लिए बता सकते हैं। वे अल्फा फोटो प्रोटीन AFP के लिए टेस्ट भी करा सकते हैं। दरअसल हाई AFP का लेवल लिवर कैंसर का संकेत हो सकता है। जांच के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग करते हैं। कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (CT Scan) स्कैन, चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI), बायोप्सी और एंजियोग्राम जैसे जांचों की मदद ली जाती है।

इसपर ध्यान देना जरूरी | Liver Cancer
कुछ सालों में लिवर कैंसर के उपचार के लिए नए-नए ऑप्शन और दवाईयां सामने आई हैं। इसके बीमारी के इलाज के लिए पहले सबसे प्रमुख सर्जरी को माना जाता था। ट्यूमर जब थोड़ा बड़ा होता था तो इस सर्जरी के द्वारा इसे निकाला जाता था लेकिन अब दावाओं की मदद से इसका इलाज संभव है, जिसके लिए सर्जरी करने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह दवाएं इम्यूनोथेरेपी होती हैं, जो बेहतर परिणाम दे सकती हैं। वहीं लिवर ट्रांसप्लांट, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी का उपयोग इसके उपचार के लिए किया जा सकता है।