कई रिसर्च में यह बात स्पष्ट हो गई है कि गर्भावस्था के दौरान एक्स-रे करवाने से से भ्रूण को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है. आमतौर पर एक्स-रे के बाद बच्चे को लेकर जो जानकारी मिलती है वह भ्रूण को कई तरह के जोखिमों से बचाने में मदद करती है. एक्स-रे करवाने से आपको भ्रूण के दिल की धड़कन का पता चलता है जिससे आपको उसके स्वास्थ्य का अंदाजा मिल सकता है.
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भ्रूण चेकअप के लिए अलग एक्स-रे होता है
स्वास्थ्य समस्याओं की जांच के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एक्स-रे को डायग्नोस्टिक इमेजिंग कहा जाता है जिसमें रेडिएशन कम होती है. इस एक्स-रे में प्रजनन अंगों को सीधे रेडिएशन किरणों के संपर्क में नहीं लाया जाता है. उदाहरण के तौर पर समझें तो सिर, हाथ, पैर या छाती के एक्स-रे के दौरान हॉस्पिटल का लेड एप्रन पहनाया जाता है. वहीं गर्भवती होने पर भी आपको उन एक्स-रे के दौरान लेड एप्रन पहनने की ज़रूरत नहीं होती है. पेट, पीठ के निचले हिस्से या आंत की एक्स-रे, सीधे पेट को एक्स-रे किरणों के संपर्क में ला सकते हैं.
कौन सा एक्स-रे बच्चे के लिए नुकसान
एक प्रेग्नेंट महिला अपनी कौन सी टाइमेस्टर में एक्स-रे करवा रही हैं यह सबसे अहम सवाल है. इस तरह के एक्स-रे से भ्रूण को नुकसान पहुंचने का जोखिम रहता है. रेडिएशन की मात्रा और एक्स-रे के प्रकार से भी फ़र्क पड़ता है. भ्रूण को रेडिएशन से बचाने के लिए आपको अपनी डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
ज्यादा एक्स-रे करवाने से बच्चे होती हैं ये समस्याएं
- गर्भावस्था के फर्स्ट टाइमेस्टर के दौरान कम समय में पेट पर कई एक्स-रे करवाने से बढ़ते हुए बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
- गर्भधारण के बाद पहले दो हफ़्तों के दौरान बहुत ज़्यादा मात्रा में रेडिएशन लेने से गर्भपात हो सकता है.
- गर्भधारण के बाद पहले आठ हफ़्तों के दौरान रेडिएशन की ज़्यादा मात्रा लेने से कुछ प्रॉब्लम हो सकती है. जैसे- भ्रूण का उम्मीद से कम बढ़ना. जन्म के समय बच्चे का सिर नवजात शिशु के सामान्य आकार से छोटा होना. इसके लिए मेडिकल शब्द माइक्रोसेफली है.
- यह बर्थ डिफेक्ट हड्डियों, आंखों या जननांगों को प्रभावित करते हैं. गर्भावस्था के 8 से 15 हफ़्तों के बीच बहुत ज़्यादा मात्रा में रेडिएशन के संपर्क में आने से बच्चों को सीखने और बोलने में दिक्कत होने लगती है.
- जब भी आप एक्स-रे करवाएं तो अपने डॉक्टर्स या हेल्थ एक्सपर्ट को इस बात की जानकारी जरूर दें. अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो एक्स-रे करवाने से पहले इस बात की जानकारी डॉक्टर्स को जरूर दें ताकि वह उसी हिसाब से आपकी एक्स-रे करें.