गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कई तरह के हार्मोन्ल बदलाव आते हैं, जो सीधा उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालते हैं। प्रेग्नेंसी के समय कई महिलाएं बहुत ज्यादा इमोशनल हो जाती है, जिस कारण उन्हें लोगों की छोटी-छोटी बातों से फर्क पड़ने लगता है।
गर्भावस्था में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना हर महिला और होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। ऐसे में प्रकृति के बीच समय गुजारकर आप शांति और सुकून का अनुभव कर सकते हैं।
महिला स्वास्थ्य फिजियोथेरेपिस्ट दिशा नायक का मानना है कि “गर्भावस्था के दौरान प्रकृति में समय बिताने से आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए कई फायदे हो सकते हैं।
तनाव के स्तर में कमी
प्रेग्नेंसी के दौरान प्रकृति में रहने से तनाव के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है, जो मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होती है। प्रकृति के संपर्क में आने से और आपके बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है। प्रकृति के संपर्क में आने से शरीर में कोर्टिसोल ( तनाव का अहसास कराने वाला हार्मोन) का स्तर कम हो सकता है, जिससे मन को शांति मिलती है और दिमाग भी रिलेक्स होता है।
मूड को बनाए बेहतर
नेचर हमारे मूड और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ने में मदद करता है। प्रकृति के बीच समय गुजारने से आपके अंदर कॉन्फिडेंस बढ़ता है, तनाव कम होता है और आपको खुशी मिलती है, जब आप अच्छे मूड में होते हैं, तो आपके और होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, और बच्चे का विकास भी अच्छा होता है।
शरीर में विटामिन डी की बढ़ोतरी
घर के बाहर प्रकृति के बीच रहने से आप सूरज की रोशनी के संपर्क में भी आते हैं, जो आपके शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद करता है। विटामिन डी एक नेचुरल सोर्स है जो होने वाले बच्चे की हड्डियों, इम्यून सिस्टम, और दांतों के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। धूप में समय गुजारने के दौरान सनस्क्रीन लगाना न भूलें, और तेज धूप में रहने से भी बचने की कोशिश करें। बेहतर होगा अगर आप सुबह की हल्की धूप में समय गुजारें।
शारीरिक गतिविधि में सुधार
प्रकृति के बीच समय बिताने से अक्सर आप शारीरिक गतिविधियां करते रहते हैं, जैसे चलना। डॉक्टर्स भी प्रग्नेंसी के समय महिलाओं को हल्का व्यायाम करने या चलने की सलाह देते हैं, ऐसा करने से आपका वजन काबू में रहता है, आप फिट रहती हैं और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर रहता है। इससे आपके बच्चे के विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।