नोज ब्लीडिंग यानी नाक से खून आना ऐसा अक्सर लोगों के साथ होता है। वहीं कुछ लोगों को यह अधिक फ्रिक्वेंटली परेशान करता है, तो कुछ लोगों में यह लंबे गैप के बाद देखने को मिलता है। वहीं गर्मी के मौसम में यह समस्या अधिक बढ़ जाती है। इस मौसम में बहुत से लोगों को नोज ब्लीडिंग की समस्या होती है। हालांकि, ज्यादातर लोग इसे अनट्रीटेड छोड़ देते हैं, परंतु ऐसा करना आपकी भूल है क्योंकि यह कुछ गंभीर परेशानियों का संकेत हो सकती है।
नोज ब्लीडिंग के संभावित कारण और इसे कंट्रोल करने के विषय पर मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ENT स्पेशलिस्ट डॉक्टर सुवेन कलर ने जानकारी साझा की है। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, नाक से खून आने के कारण और इस स्थिति में आपको क्या करना चाहिए।
नाक से खून आने के कुछ कॉमन कारण
डायरेक्ट इंजरी: चेहरे पर चोट लगने से व्यक्ति की नाक की परत क्षतिग्रस्त हो सकती है, जिससे ब्लीडिंग होना शुरू हो जाता है।
जलन: नाक को बार-बार हिलाने या साफ करने से इसकी परत से खून बहने की संभावना बढ़ जाती है।
एयर ट्रैवल और एल्टीट्यूड: ऊंचाई और वायु दबाव में परिवर्तन के कारण नाक के ब्लड वेसल्स फैल और सिकुड़ सकते हैं। इन गड़बड़ियों के कारण नाक से खून आ सकता है।
सूजन: एलर्जी या संक्रमण जैसे साइनसाइटिस के कारण होने वाली सूजन, नाक में ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकती है।
ह्यूमिडिटी: कम ह्यूमिडिटी वाला मौसम नाक के टिशु में दरार का कारण बन सकता है। इसके परिणामस्वरूप ब्लीडिंग हो सकती है।
लिवर की बीमारी: लिवर की बीमारी ब्लड को क्लॉट होने में बाधा डाल सकती है और इसके परिणामस्वरूप बार-बार या गंभीर रूप से नाक से खून बह सकता है।
मेडिकेशन: ब्लड थिनिंग मेडिसिंस या नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं के उपयोग से नाक से खून आ सकता है। नाक की स्टेरॉयड दवाएं भी नाक की परत को ड्राई कर सकती हैं, जिससे नाक से खून आने का खतरा बढ़ जाता है।
ड्रंग्स: कोकीन या नाक से लिए जाने वाले नशीले पदार्थ का उपयोग नाक की परत को परेशान कर सकता है और ब्लीडिंग का कारण बन सकता है।
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चिड़चिड़ाहट: धूम्रपान या परेशान करने वाले धुएं के संपर्क में आने से नाक की परत को नुकसान हो सकता है और नाक से खून आ सकता है।
रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकती है। इससे रक्त का थक्का जमना अधिक कठिन हो जाता है और ब्लीडिंग अधिक आम हो जाती है।
गर्मी में क्यों बढ़ जाती है नोज ब्लीडिंग
सर्दियों की तुलना में गर्मी में नाक से खून आना अधिक आम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गर्मी के दिनों में ड्राईनेस बढ़ जाती है और अत्यधिक गर्मी के कारण ब्लड वेसल्स भी फट जाते हैं। यह मुख्य रूप से तब होता है जब ड्राई और हॉट एयर के कारण छोटी ब्लड वेसल्स फट जाती हैं। वहीं नाक में सूखे बलगम के जमने से भी नोज ब्लीडिंग हो सकती है।
नोज ब्लीडिंग से कैसे करें डील?
यदि आपको कभी-कभार और अधिक गर्मी की वजह से नोज ब्लीडिंग होने लगती है, तो आप इसे घर पर कंट्रोल कर सकती हैं।
इस स्थिति में आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए –
- बैठ जाएं और मुंह से सांस लेते हुए नाक के मुलायम हिस्सों को मजबूती से दबाएं।
- रक्त को साइनस और गले में जाने से रोकने के लिए आगे की ओर झुकें, जिसके परिणामस्वरूप रक्त अंदर जा सकता है या गैगिंग हो सकती है।
- सीधे बैठें ताकि आपका सिर हृदय से ऊंचा रहे। इससे ब्लीडिंग कम हो जाती है।
- नाक पर दबाव डालना जारी रखें, आगे की ओर झुकें और 10-15 मिनट तक सीधे बैठे रहें ताकि रक्त का थक्का जम जाए।
- यदि ब्लीडिंग 20 मिनट से अधिक समय तक बनी हुई है, तो बिना इंतजार किए अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
इन स्थितियों में तुरंत चिकित्सीय सहायता लें
- उन्हें बार-बार नाक से खून आने का अनुभव होता है।
- उनके सिर पर चोट लगी है।
- वे खून पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं।
- ब्लीडिंग 15-20 मिनट से अधिक समय तक रहती है।
- हार्टबीट तेज रहता है।