किडनी, मूत्रवाहिनी और मूत्राशय यानी ब्लैडर हमारे मूत्र पथ का हिस्सा है। किडनी पानी और आपके शरीर के वेस्ट चीजों से मूत्र बनाते हैं। फिर ये मूत्र मूत्रवाहिनी से होते हुए मूत्राशय में चला जाता है, जहां यह जमा हो जाता है।
मूत्र आपके शरीर से मूत्रमार्ग के माध्यम से निकलता है। पथरी की समस्या की तब होती है जब कुछ खनिज बहुत ज्यादा मात्रा में आपके मूत्र में जमा हो जाते हैं।
जब शरीर में पानी की कमी होती है तो आपका मूत्र इन खनिजों के कारण गाढ़ा हो जाता है जैसे यूरिक एसिड बढ़ने से, कैल्शियम या फिर पोटेशियम बढ़ने से। फिर ये पथरी का रूप लेने लगते हैं और शरीर में कई लक्षण नजर आ सकते हैं।
पथरी का पहला लक्षण क्या है
जब किडनी में पथरी बनती है, पथरी गुर्दे से मूत्रवाहिनी (ureter) में चली जाती हैं। अगर कोई पथरी किडनी से निकलकर मूत्रवाहिनी में फंस जाती है तो उसे मूत्रवाहिनी पथरी कहा जाता है। इससे रुकावट पैदा होती है, जिससे किडनी में दबाव बनने लगता है। दबाव नसों को एक्टिव करता है जो दर्द के संकेतों को मस्तिष्क तक पहुंचाते हैं। ये दर्द आमतौर पर पसलियों के नीचे, बाजू और पीठ में दर्द के रूप में महसूस हो सकते हैं।
शुरुआत में ही कहां-कहां महसूस हो सकता है दर्द
किडनी स्टोन का दर्द अक्सर अचानक शुरू हो जाता है। जैसे ही पथरी हिलती है, दर्द का स्थान और तीव्रता बदल जाती है। ऐसे में ये कई जगहों पर दर्द के रूप में महसूस हो सकता है। जैसे कि
- -जैसे ही पथरी आपके मूत्र पथ के माध्यम से नीचे आती है,ये दर्द कमर में महसूस हो सकता है।
- -उसके बाद ये दर्द पेट में महसूस हो सकता है।
- -एक बार जब पथरी आपके मूत्रवाहिनी और मूत्राशय के बीच जंक्शन पर पहुंच जाती है, तो आपको पेशाब करते समय दर्द महसूस हो सकता है।
- -आपको बार-बार यूटीआई हो सकता है।