Heart Healthy Tips in Hindi: दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है हृदय रोग और इससे संबंधित बीमारियां, भारत में भी इसका खतरा पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कम उम्र के लोगों में हृदय की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में सवाल ये है कि कैसे पता किया जा सकता है कि आपको हृदय की कोई समस्या तो नहीं है? स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कई ऐसे मामले देखे गए हैं जिसमें पहले से बिना किसी हार्ट की शिकायत वाले लोगों के ईसीजी, ईसीएचओ और टीएमटी परीक्षण में दिक्कत देखी जा रही है। इसे ध्यान रखते हुए सभी उम्र के लोगों के लिए जरूरी है कि आप निरंतर हृदय की जांच करते रहें। जिन लोगों में हृदय रोगों का आनुवांशिक जोखिम रहा है उन्हें और भी सतर्कता बरतते रहना आवश्यक हो जाता है। आइए जानते हैं कि ये कैसे पता किया जा सकता है कि आपका हृदय स्वस्थ है या नहीं?
वजन बढ़ना ही है सबसे घातक | Heart Healthy Tips in Hindi
अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों का वजन अधिक होता है उनमें हृदय रोग-डायबिटीज सहित कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का खतरा अधिक होता है। जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स 25 से अधिक होता है उनमें हृदय रोगों का जोखिम अधिक होने का खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं बीमारियों से बचे रहने के लिए वजन को कंट्रोल में रखना जरूरी है।
ब्लड प्रेशर को नहीं करना है इग्नोर | Heart Healthy Tips in Hindi
हृदय की सेहत को जांचने के लिए सबसे जरूरी पैरामीटर है ब्लड प्रेशर पर ध्यान रखना। अगर आपका ब्लड प्रेशर अक्सर कम या ज्यादा रहता है तो इसे हार्ट की समस्याओं का संकेत माना जाता है। रक्तचाप की सामान्य सीमा 120/80 की मानी जाती है। अगर आपका ब्लड प्रेशर इससे अधिक बना रहता है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है।

हार्ट रेट पर भी समय-समय पर देना है ध्यान | Heart Healthy Tips in Hindi
ब्लड प्रेशर की ही तरह हार्ट रेट का सामान्य रहना भी स्वस्थ हृदय के लिए जरूरी है। आमतौर पर हृदय गति का 60 से 100 बीट प्रति मिनट के बीच रहना स्वस्थ माना जाता है। ये अगर अक्सर कम या ज्यादा बना रहता है तो संकेत हो सकता है कि हार्ट की सेहत में सबकुछ ठीक नहीं है। नियमित रूप से हृदय की जांच के दौरान हार्ट रेट पर भी डॉक्टर नजर रखते हैं।