अक्सर गलत खान पान और खराब जीवनशैली का हमारे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव होता है. जिस कारण हम गंभीर बीमारियों की चपेट में आते जा रहे हैं, लेकिन कुछ बीमारियां या समस्याएं ऐसी भी होती हैं, जो जन्मजात यो बचपन से ही हमें जकड़ लेती हैं. कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज ऐसी बीमारी है, जो जन्म के साथ ही बच्चे को हो जाती है.
MP के दमोह जिला अस्पताल में विश्व जन्मजात विकृति जागरूकता माह अभियान के तहत डीईआईसी बाल संजीवनी में निःशुल्क हृदय रोग जांच शिविर का आयोजन हुआ. इस दौरान 35 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पंजीयन कर जांच की गई. इस जांच में 12 बच्चे दिल की बीमारी से ग्रसित निकले. जिनकी सर्जरी मुख्यमंत्री बाल हृदय उपयार योजना या आयुष्मान कार्ड अंतर्गत निःशुल्क की जायेगी. इसके अलावा अन्य रोग से पीड़ित व सामान्य मौसमी बीमारियों के 54 बच्चों की जांच कर आवश्यक दवाईयां दी गई.
प्रेगनेंसी के दौरान इनका करें सेवन
प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाएं खान पान में बहुत लापरवाही करती हैं. जिस कारण उनके बच्चे जन्म से ही कई गम्भीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं डाइट में विटामिन, प्रोटीन, पालक, फाइबर, आयरन और कैल्शियम की अधिक मात्रा की भरपाई के लिए शलजम और सेमी का सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर कर सकती हैं.
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इससे बच्चे में नहीं होगी दिल की बीमारी
डॉ. विशाल शुक्ला के मुताबिक, दिल हमारे शरीर का मुख्य अंग होता है. ऐसे में जन्म के साथ ही बच्चों में दिल से जुड़ी बीमारी से ग्रसित होने का मतलब है कि बच्चा जन्म से ही दिल से जुड़ी कई समस्याओं का शिकार है. यदि जन्म के दौरान बच्चे का दिल सामान्य से अलग होता है, तो उसे कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज कहा जाता है. हालांकि इस बीमारी के लक्षण सामान्य तौर पर बड़े होने पर ही दिखाई देते हैं.
जो महिलाएं गर्भावस्था धारण किए हुए हैं, वे खुले हवादार कमरे में रहें,अच्छी डाइट और पोषण आहार लें. अनावश्यक दवाइयों का सेवन न करें. साथ ही पहले 3 माह में कुछ चीजें न करें जैसे कि बुंदेलखंड क्षेत्र पिछड़ा हुआ माना जाता है क्योंकि यहां महिलायें तम्बाखू, बीड़ी, सिगरेट इत्यादि का सेवन करती हैं. वो भी एक प्रकार की टॉक्सीन है, जिससे बच्चों में एक प्रकार की विकृतियां पैदा हो सकती हैं.