Parenting Tips: बच्चे गीली मिट्टी और कोरे कागज के समान होते हैं। बच्चों को सही परिवेश और पालन-पोषण से मनचाहा आकार दिया जा सकता है। उनको भविष्य के लिए तैयार किया जा सकता है। हालांकि, बच्चे के किसी भी तरह के प्रशिक्षण की शुरुआत उसके अपने घर से ही होती है। स्पंज की तरह स्वभाव वाले बच्चे अपने आस-पास के लोग, खासकर अपने माता-पिता के व्यवहार और आदतों को सोख लेते हैं।
बच्चे अक्सर माता-पिता के तनाव से निपटने के तरीके से लेकर दूसरों के साथ उनके बातचीत करने के तरीके तक को पूरे ध्यान से देखते हैं। उनसे सीखते हुए बच्चे अपने व्यवहार और दृष्टिकोण को शेप देते हैं। ऐसे में माता-पिता को अपनी आदतों और रवैए को लेकर घर में ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
भावनात्मक प्रतिक्रियाएं
बच्चे जो सबसे महत्वपूर्ण व्यवहार अपने माता-पिता से सीखते हैं, वह विभिन्न परिस्थितियों में भावनात्मक रूप से प्रतिक्रिया दिया जाना है। चाहे वह हताशा से निपटना हो, खुशी व्यक्त करना हो या उदासी से निपटना हो, बच्चे अक्सर घर पर देखी गई भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को दोहराते हैं।
सामाजिक मेल-जोल
पैरेंट्स दूसरों के साथ जिस तरह से बातचीत करते हैं, वह उनके बच्चों के सामाजिक व्यवहार का एक रास्ता दिखाता है। अगर माता-पिता विनम्र, सहानुभूति से भरे हुए और सम्मानजनक बर्ताव करते हैं तो उनके बच्चों में इसी तरह के गुण दिखने और बढ़ते रहने की अधिक संभावना है।
पढ़ने और सीखने के तरीके
जो माता-पिता शिक्षा को महत्व देते हैं और सीखने के प्रति सकारात्मक नजरिया रखते हैं, वे अपने बच्चों में भी वही ललक पैदा कर सकते हैं। जब माता-पिता जिज्ञासु होते हैं, पढ़ने में दिलचस्पी रखते हैं और इनोवेशन को प्रोत्साहित करते हैं तो उनके बच्चों में सीखने के प्रति प्रेम विकसित होने की अधिक संभावना होती है।
सेहत को लेकर जागरूकता और फिटनेस की आदतें
फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति माता-पिता का रवैया उनके बच्चों की जीवनशैली यानी रहन-सहन के तरीके को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चाहे वह खान-पान की आदतें हों, नियमित कसरत हो, या शरीर और डीलडौल के लिए खास जागरूकता हो, बच्चे अक्सर अपने माता-पिता के व्यवहार को ही अपनाते हैं।
पैसों का मैनेजमेंट, बचत या निवेश की आदत
माता-पिता रुपये-पैसे को कैसे संभालते हैं और कहां खर्च या निवेश करते हैं? उनके खर्च करने की आदतों से लेकर बचत की रणनीतियों तक बच्चों के वित्तीय व्यवहार पर बहुत असर डाल सकता है। जो बच्चे अपने माता-पिता को समझदारी से बजट बनाते, बचत करते और जरूरी खर्च करते हुए देखते हैं, उनके बच्चे भी पैसे की इज्जत करते हैं और फिजूलखर्च से बचते हैं।