दिनभर घर और ऑफिस का काम करके हमें थकावट हो जाती है। काम का दबाव शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है। ऐसे में कई लोग सोने से पहले चेहरा और हाथ धोते हैं। ऐसा करने से काफी रिलेक्स मिलता है और आपका बिस्तर कीटाणुओं का प्रजनन स्थल बनने से बच जाता है। हालांकि, रोज सोने से पहले पैरों को धोना चाहिए।
हमारे पैर शरीर का पूरा भार उठाते हैं। दिन के अंत में पैरों में अकड़न महसूस होती है। ऐसा सिर्फ टाइट जूते पहने रहने या फिर दिनभर खड़े रहने से नहीं होता, बल्कि इसका कारण है देखभाल की कमी। आपके चेहरे, शरीर और बालों की तरह ही आपके पैरों को भी उतनी ही देखभाल की जरूरत होती है। कुछ लोग आलस के कारण पैर नहीं धोते, तो वहीं कुछ का मानना है कि दिनभर मोजे पहने रहने से उनके पैर कीटाणुओं से सुरक्षित रहते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में डॉक्टर क्या कहते हैं।
दिन में कितनी बार पैर धोना जरूरी
नई दिल्ली में मैक्स मल्टी स्पेशलिटी सेंटर, पंचशील पार्क के प्रमुख सलाहकार, पोडियाट्री डॉ. गोविंद सिंह बिष्ट ने बताया कि लोगों को दिन में कम से कम दो बार अपने पैर धोने चाहिए। एक बार सुबह और फिर रात में बिस्तर पर सोने जाने से पहले। डॉक्टर कहते हैं कि लोग अपने चेहरे और बालों की तो खूब केयर करते हैं, लेकिन पैरों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। जबकि पैरों के प्रति रवैया बराबर होना चाहिए।
रात में पैर धोकर सोना क्यों जरूरी
बेंगलुरु के मणिपाल अस्पताल के वस्कुलर और एंडोवस्कुलर सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. राहुल एनएस ने के मुताबिक, हर किसी को सोने से पहले पैर धोना चाहिए। क्योंकि घर के अंदर भी धूल के छोटे कण होते हैं, जो आसानी से पैर में चिपक जाते हैं। गुरुग्राम के सीके बिड़ला अस्पताल की कंसल्टेंट एंड डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सीमा ओबरॉय लाल ने जानकारी दी कि हमारे पैर सबसे जल्दी फर्श के संपर्क में आते हैं, जिससे धूल और कीटाणु इससे चिपक जाते हैं। जब इन्हीं पैरों को आप अपने बिस्तर पर ले जाते हैं, तो ये धूल और कीटाणु बड़ी ही आसानी से आपकी नाक, मुंह और त्वचा तक पहुंच सकते हैं, जिससे संक्रमण होता है। ऐसे में पैरों को धोने से संक्रमण का डर खत्म हो जाता है।
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एथलीट फुट का खतरा होता है कम
इंद्रप्रस्थ के अपोलो अस्पताल के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. डीएम महाजन कहते हैं कि हाइजीन की दृष्टि से देखा जाये तो रात में पैरों को धोना बिस्तर पर आने वाली गंदगी और कीटाणुओं से छुटकारा पाने का आसान तरीका है। दिनभर जूते पहने रहने के कारण पैरों से पसीना निकलता है, जिससे बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। अगर पैरों को धो लिया जाए, तो ये बैक्टीरिया बिस्तर तक नहीं पहुंच पाते और एथलीट फुट जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। यह बीमारी अक्सर फंसी हुई नमी और पसीने से फैलती है।
ये लोग जरूर धोएं पैर
एथलीट फुट एक संक्रामक फंगल संक्रमण है, जो पैरों पर त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। यह गर्म और नम क्षेत्रों में पनपता है, खासतौर से पैर की उंगलियों के बीच। खुजली, पपड़ीदार या परतदार त्वचा, सूजन वाली त्वचा, छाले और जलन एथलीट फुट के कुछ लक्षण हैं। एथलीट फुट समस्या से जूझ रहे लोगों को संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सोने से पहले पैर धोने की सलाह दी जाती है।
सेकेंडरी इफेकशन फैलन का डर
डॉक्टर्स कहते हैं कि किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए हाइजीन बनाए रखना जरूरी है। वरना बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण के अलावा, पैरों में नमी बनी रहे, तो सेकेंडरी इंफेक्शन के चांसेस रहते हैं। वहीं, अगर किसी के पैर में छोटी-मोटी दरारें भी हैं, तो ये संक्रमण का कारण बन सकती हैं। इसलिए ऐसे लोगों को भी नियमित रूप से रात में पैर धोकर सोना चाहिए।
डायबिटीज वाले ज्यादा ध्यान दें
डायबिटीज के पेशेंट को फुट हाइजीन रूटीन को जरूर फॉलो करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज रोगियों में लो इम्यूनिटी के कारण संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए उन्हें बहुत सावधान रहना चाहिए और बिस्तर पर जाने से पहले अपने पैर धोने चाहिए
डॉ.राहुल कहते हैं कि पैरों में संक्रमण के कारण डायबिटीज से जुड़े सभी मेटाबॉलिज्म बदलाव गड़बड़ाना शुरू हो सकते हैं। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो मवाद, गैंग्रीन या टिश्यू का खतरा मौत की वजह भी बन सकता है। बहुत से लोग नहीं जानते, लेकिन पैर में एक बार फंगल या जीवाणु संक्रमण फैल जाए, तो डायबिटीज रोगी के पैर काटने तक की नौबत आ सकती है।