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समोसे-पकौड़े खाते हैं तो हो जाइए सावधान, गंभीर ‘महामारी’ को मत दीजिये न्योता

diabetes risk in India: लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी, वैश्विक स्तर पर बढ़ती कई तरह की क्रोनिक बीमारियों के लिए प्रमुख कारण हैं। हम जो कुछ भी खाते हैं, शरीर पर उसका सीधा असर होता है। यही कारण है कि सभी को अपने खान-पान को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है। अधिक शर्करा, हाई कैलोरी वाली चीजों को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों की समस्याओं को बढ़ाने वाला माना जाता रहा है। भले ही आपकी उम्र कम है फिर भी आप डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं, दुनियाभर में बड़ी संख्या में कम उम्र के लोगों को डायबिटीज का रोगी पाया जा रहा है।

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भारत में बढ़ रही मधुमेहमहामारी’ | diabetes risk in India

मधुमेह के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए एक हालिया अध्ययन में विशेषज्ञों ने उन लोगों को चेताया है जो अक्सर समोसे, पकौड़े और चिप्स जैसी चीजें खाते हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि समोसा, पकौड़े, चिप्स जैसे तले हुए खाद्य पदार्थों के सेवन से भारत में मधुमेह ‘महामारी’ बढ़ती जा रही है। इसके पहले के कई अध्ययनों में भी भारतीय आबादी में बढ़ती इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता जताते रहे हैं।

भारत में स्वास्थ्य चुनौती बनी मधुमेह | diabetes risk in India

आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि भारत में मधुमेह एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन और आईसीएमआर द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि भारत में 101 मिलियन (10.1 करोड़) से अधिक लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, वहीं 13 करोड़ से अधिक लोग प्री-डायबिटिक स्थिति में हैं जिनमें भविष्य में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा हो सकता है। अध्ययन के आधार पर विशेषज्ञों ने बताया कि बढ़ती डायबिटीज की समस्या के लिए खान-पान में गड़बड़ी प्रमुख कारण हो सकती है।

शोधकर्ताओं ने किया बड़ा दावा | diabetes risk in India

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड साइंसेज एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं की टीम ने डायबिटीज के खतरे के लिए एडवांस ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (एजीई) वाली चीजों के सेवन को बड़ा जोखिम कारक माना है। केक, चिप्स, कुकीज, तले हुए खाद्य पदार्थ, मेयोनीज और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में एजीई की मात्रा अधिक होती है। अपनी तरह का यह पहला क्लिनिकल परीक्षण है। विशेषज्ञों ने कहा, हम खतरनाक स्थिति में हैं, डायबिटीज के कारण स्वास्थ्य क्षेत्र पर दबाव बढ़ता जा रहा है, इसे नियंत्रित किया जाना बहुत आवश्यक है।

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बच्चे भी हो रहे डायबिटीज रोग का शिकार | diabetes risk in India

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया एडवांस ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (एजीई) संभावित रूप से जहरीले यौगिक होते हैं, ये प्रोटीन या लिपिड के ग्लाइकेट होने पर बनते हैं। अध्ययन में पाया गया कि एजीई युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर में इंफ्लामेशन का खतरा बढ़ने लग जाता है जिसे मधुमेह के लिए जिम्मेदार माना जाता है। विशेषज्ञों ने कहा, सभी लोगों को इस तरह की चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए, विशेषतौर पर बच्चों को ये ज्यादा पसंद होती हैं। बच्चे भी डायबिटीज रोग का शिकार हो रहे हैं।

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स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी ये सलाह | diabetes risk in India

चिप्स, फ्राइड चिकन, समोसे, पकौड़े, तले खाद्य पदार्थ, कुकीज, केक के अलावा बेक्ड और प्रोसेस्ड चीजों में एजीई की मात्रा अधिक होती है, इनके अधिक सेवन से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा स्वास्थ्य विशेषज्ञ हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों के भी सेवन से परहेज करने की सलाह देते हैं। इनसे तेजी से शुगर लेवल बढ़ने का खतरा हो सकता है। जिन खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 से अधिक होता है उनसे डायबिटीज बढ़ने का जोखिम अधिक हो सकता है।

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