कुछ दिनों पहले अमेरिका में डेयरी गायों के बीच बर्ड फ्लू के वायरस H5N1 फैलने की खबर हर तरफ थी। फिर गायों के साथ रहने वाला एक आदमी भी इस वायरस के साथ पॉजिटिव पाया गया। इससे एक बार फिर से एवियन फ़्लू के कोरोनो वायरस पेंडेमिक की तरह होने की आशंका जताई जाने लगी। भारत में भी एवियन फ़्लू से पक्षियों और मनुष्यों के प्रभावित होने के मामले देखे गए हैं। इनमें से ज्यादातर मामले पश्चिम बंगाल और ओडिशा में देखे गए। यह वायरस पोल्ट्री से मानव संक्रमण का कारण बहुत कम बनता है। मानव-से-मानव संक्रमण अब तक नहीं देखा गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 24 मार्च 2024 को वियतनाम में एक व्यक्ति बर्ड फ़्लू से प्रभावित पाया गया। 2021 में भारत ने हरियाणा से एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) के एक मानव मामले के बारे में सूचित किया था।
अमेरिका में बर्ड फ्लू
यह देश में इस तरह का पहला मामला सामने आया था। ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका में डेयरी गायों में बर्ड फ्लू पाया गया है। यह वायरस पहली बार गायों में और फिर गायों से मनुष्यों में रिपोर्ट किया गया है। इन्फ्लूएंजा वायरस के कई मेजबान होते हैं। यह कहना मुश्किल है कि गाय एक नई होस्ट है या हमेशा इसकी होस्ट रही है।
बहुत तेजी से सक्रियता होता है यह वायरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर मौजूद जानकारियों के अनुसार, एच5एन1 वायरस (H5N1 Virus) बहुत तेजी से दोबारा सक्रिय हो जाता है। यह खुद को दूसरे वायरस के साथ जोड़ लेता है और अपना आरएनए छोड़ देता है इसलिए इस वायरस के क्रियाकलापों पर लगातार निगरानी रखना जरूरी है हालांकि इससे महामारी फैलने की संभावना बहुत कम होती है।
Also Read – Headache होने पर भूलकर भी ना खायें Painkiller, Neurologist ने बताई वजह
एनिमल इन्फ्लुएंजा
एनिमल इन्फ्लूएंजा वायरस आमतौर पर जानवरों में फैलता है, लेकिन मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है। मनुष्यों में संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों या दूषित वातावरण के सीधे संपर्क के माध्यम से होता है। मूल मेजबान के आधार पर इन्फ्लूएंजा ए वायरस को एवियन इन्फ्लूएंजा, स्वाइन इन्फ्लूएंजा या अन्य प्रकार के एनिमल इन्फ्लुएंजा वायरस के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
क्यों सता रहा पेंडेमिक का डर
H5N1, इन्फ्लूएंजा वायरस का एक प्रकार है, जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है और उनमें गंभीर श्वसन बीमारी का कारण बनता है। यह छिटपुट रूप से मनुष्यों तक पहुंच गया है। मनुष्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस संक्रमण हल्के ऊपरी रेस्पिरेटरी पाथवेज के संक्रमण से लेकर अधिक गंभीर बीमारियों तक का कारण बन सकता है और घातक भी हो सकता है।
कोविड से अधिक जानलेवा है
कंजंक्टिविटिस, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिम्प्टम, एन्सेफलाइटिस और एन्सेफैलोपैथी की भी सूचना मिली है। मनुष्यों के बीच संचरण आम बात नहीं है, लेकिन जब ऐसा होता है तो मृत्यु दर 50 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। कोविड के गंभीर वेरिएंट के साथ भी मृत्यु दर लगभग 3 प्रतिशत थी। यही वजह है कि इस वायरस के संक्रमण को कोविड से अधिक जानलेवा माना जा रहा है। इस वायरस को रोकना असंभव है क्योंकि यह पिछले 28 वर्षों से मौजूद है।
बचाव के क्या हैं उपाय
WHO के अनुसार, लोगों को हाई रिस्क वाले वातावरण जैसे जीवित पशु बाजारों/फार्मों और जीवित पोल्ट्री या उन सतहों के संपर्क से बचना चाहिए जो पोल्ट्री ड्रॉपिंग से दूषित हो सकती हैं। बार-बार हाथ धोने या अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र के उपयोग के साथ गुड हैंड हाइजीन बनाए रखना भी जरूरी है। जोखिम वाले व्यक्तियों के बीमार पड़ने या अप्रत्याशित एनिमल और बर्ड डेथ की घटनाओं की तुरंत अस्पतालों में रिपोर्ट करनी चाहिए। बीमार या अप्रत्याशित रूप से मरे हुए पोल्ट्री के सेवन से बचना चाहिए।