पाचन से जुड़ी एक समस्या है जिसमें व्यक्ति को बार-बार मल त्याग की जरूरत महसूस होती है और मल बिल्कुल पतला, पानी की तरह आता है। लगातार दस्त होने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इस डिहाइड्रेशन की वजह से और कई दूसरी तरह की समस्याएं शुरू हो सकती हैं। अगर यह समस्या कई दिनों तक बनी रहे, तो इससे मौत भी हो सकती है।
सबसे पहले जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है। इंफेक्शन, दवा का साइड इफेक्ट, खाने की एलर्जी, वायरल इंफेक्शन के कारण, रेडिएशन थेरेपी के कारण, फूड प्वाइजनिंग के कारण और गंदगी के कारण दस्त की समस्या आ सकती है। इसके लक्षण होते हैं- उल्टी जैसा महसूस होना, पेट में दर्द, पेट में सूजन, पानी की कमी होना, बार-बार बुखार आना, बार-बार मलत्याग होना और बदहजमी होना।
अब बारी आती है एक्सपर्ट एडवाइस की, तो एक्सपर्ट के रूप में हमारे साथ जुड़े हैं डॉ सूरज मिश्रा, जो पिछले कई वर्षों से मरीजों को उनकी समस्याओं से निजात दिला रहे हैं। उन्हीं से आज डायरिया के बारे में सब कुछ जानते हैं।
डॉ सूरज मिश्रा बताते हैं कि डायरिया वैसे तो बहुत बड़ा टर्म होता है और उसके बहुत सारे वेरिएंट्स होते हैं। जैसे कि इंफेक्टिव डायरिया, क्रॉनिक डायरिया। गर्मी के मौसम में बहुत सारे वायरस और बैक्टीरिया ग्रोथ करते हैं। ज्यादातर डायरिया तब होती है, जब बच्चे ठीक से सैनिटाइज न किए गए बर्तनों में पानी पीते हैं, दूध पीते हैं।
किन लक्षणों को हमें बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
डायरिया तीन फेज के बच्चों में होता है, जैसे- छह महीने तक के छोटे बच्चों में, उसके बाद तीन साल तक के बच्चों में, फिर तीन साल से ज्यादा स्कूल जाने वाले बच्चों में। छोटे बच्चों में अगर तीन से आठ बार लूज स्टोन्स हो रहे हैं , फीवर हो रहा है, ये सब पानी की कमी के लक्षण होते हैं। अगर बच्चे की त्वचा सूखी-सूखी लग रही है, आंखें अंदर धंस गई हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर के पास जाने से पहले बच्चे को W ORS OSVE शुरू कर देना चाहिए। ध्यान रखें कि उसको सही मात्रा में बनाना जरूरी है। इससे डायरिया की समस्या रिसाल्व होने लगती है। छोटे बच्चों में 4 से 5 दिन में ये समस्या रिसाल्व होने लगती है।
अगर डायरिया डायग्नोज़ हो जाये तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
हमारे देश में दूध पर बहुत ज्यादा फोकस है कि बच्चे को जैसे ही डायरिया होता है तो हम बच्चे को दूध पिलाना शुरू कर देते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। दूध को हटाकर हमें W ORS पिलाना चाहिए, पानी की शिकंजी या पानी पिलाना चाहिए।
डायरिया में घरेलू उपचार पर निर्भर रहना कितना सही होता है
एक साल से छोटे बच्चों में डायरिया अलग होती हैऔर छह महीने तक के छोटे बच्चों में डायरिया बिल्कुल अलग होती है। ऐसे में आपको मदर फीड लगातार देते रहना है, साथ ही ORS भी लगातार देते रहें। ORS कोई रॉकेट साइंस नहीं है, इसको आप बिना डॉक्टर की सलाह के भी होम रेमेडी के रूप में दे सकते हैं। नारियल पानी दे सकते हैं, छाछ दे सकते हैं, दही दे सकते हैं।