महिलाओं में यूरीन लीकेज की समस्या कॉमन होती जा रही है। हंसते हुए अगर यूरीन निकल जाए तो इस समस्या को हल्के में न लें। हो सकता है कि यह समस्या की शुरुआत भर हो।
दरअसल हंसने, खांसने या छींकने पर यूरीन निकल जाने की परेशानी महिलाओं में कॉमन होती जा रही है। इससे उनको कई बार शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। यूरीन से जुड़ी यह बीमारी यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस कहलाती है। पुरुषों में भी यह बीमारी होती है, लेकिन महिलाओं में यह कहीं ज्यादा है। हर 3 में से 1 महिला को यूरीन लीकेज की समस्या होती है। वैसे इस बीमारी के कारण और निवारण को जानकर इसे आसानी से काबू किया जा सकता है। जरूरत है जागरूक रहते हुए खुद पर ध्यान देने की, नहीं तो फिर लेने के देने पड़ सकते हैं।
यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस के 4 कारण
उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाओं में यूआई (UI) की समस्या कॉमन होती जाती है। ज्यादातर 30-35 की उम्र के बाद महिलाओं में ये परेशानी देखी जाती है। यूआई के ये मुख्य 4 कारण हो सकती हैं।
- पेल्विक मसल्स का कमजोर होना
प्री मेनोपॉज के चलते या कई बार बढ़ती उम्र के कारण महिलाओं के पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियां (पेल्विक मसल्स) कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में यूरीन लीक होने की समस्या शुरू हो जाती है। - डिलीवरी
बच्चे की डिलीवरी के बाद भी महिलाओं में यह समस्या हो जाती है। इसका कारण है बच्चे को जन्म देने में नीचे के मसल्स ज्यादा स्ट्रेच होते हैं। इससे उन पर दबाव पड़ता है और वो कमजोर हो जाते हैं। - कोई लंबी बीमारी
कुछ महिलाओं में कोई लंबी बीमारी, सही खानपान का अभाव या शारीरिक कमजोरी भी यूरीन लीक होने की वजह बन सकती है। ऐसे में पेल्विक मसल्स कमजोर होने पर हंसने, खांसने, छींकने या किसी श्रम गतिविधि करने के दौरान ब्लैडर पर दबाव पड़ता है, तो वह यूरीन को होल्ड नहीं रख पाता। इस वजह से यूरीन लीक हो जाता है। - मोटापा और डायबिटीज
महिलाओं में बढ़ता मोटापा और डायबिटीज भी यूरीन लीकेज का कारण बन सकते हैं।
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बचाव
- यूआई से निपटने के लिए एक्सपर्ट ने कुछ उपाय बताए हैं, जिनका पालन करने से आप इस समस्या से निजात पा सकती हैं।
- लंबे समय से अगर ये प्रॉब्लम हो रही है, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
- लाइफस्टाइल में सुधार करें।
- मीठी और खट्टी चीजों का सेवन बहुत ही कम या बंद करना होगा।
- कॉफी-चाय और स्मोकिंग से दूरी बनाएं।
- मसल्स को मजबूत बनाने के लिए पेल्विक फ्लोर मसल्स एक्सरसाइज करें।
- ब्लैडर ट्रेनिंग लें। इस ट्रेनिंग में ब्लैडर को धीरे-धीरे यूरीन रोकने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। जिससे आप तेज गति से आने वाली यूरीन से डील करना सीखती हैं।
- जरूरत पड़ने पर दवाइयां लें।
- सर्जरी की आवश्यकता पड़ने पर उससे घबराएं नहीं।
योग भी है फायदेमंद
इस बीमारी में योग भी बहुत मददगार है। विधिपूर्वक किए गए योग अभ्यास बहुत फायदा पहुंचा सकते हैं। विशेष रूप से ये 4 योगासन यूरीन लीकेज को रोकने और आपके पेल्विक मसल्स को मजबूत बनाने में सक्षम हैं।
वज्रासन : वज्रासन के माध्यम से आप पेल्विक मसल्स को मजबूत कर सकती हैं।
पादहस्तासन : यह आसन भी आपके पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाने में मददगार है।
बद्धकोणासन : यह आसन पेल्विक फ्लोर अंगों में खून के प्रवाह को बढ़ाता है जिससे पेल्विक मसल्स को अधिक मजबूती मिलती है।
पश्चिमोत्तानासन : यूरीन लीकेज की समस्या में यह काफी लाभकारी है। लेकिन, गर्भवती महिलाओं को इसे नहीं करना चाहिए।