साल 2023 में कई बीमारियों ने परेशान किया है। हृदय रोग, वैश्विक स्तर पर गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनकर उभर रहे हैं। कुछ दशकों पहले तक हार्ट की बीमारियों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली दिक्कतों के तौर पर जाना जाता था, हालांकि अब कम आयु के लोग भी इसके शिकार होते जा रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में हार्ट की समस्याओं का निदान किया जा रहा है। साल 2023 में हार्ट की समस्याओं पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में पिछले कुछ वर्षों, विशेषतौर पर कोरोना महामारी के बाद हार्ट की समस्याएं अधिक रिपोर्ट की जा रही हैं।
इस साल में अब कुछ दिन ही बचे हैं, जल्द ही हम नए वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। डॉक्टर कहते हैं, हृदय स्वास्थ्य की चुनौतियां अभी कम नहीं हुई हैं, साल 2024 में इस पर कंट्रोल पाया जा सके इसलिए जरूरी है कि हम सभी हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए लगातार प्रयास करते रहें।
हार्ट अटैक ही नहीं हृदय की कई समस्याओं ने इस पूरे साल सभी को परेशान किया है। आइए इसपर एक नजर डालते हैं और इससे सीख लेते हुए अगले साल में हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी तरीके जानते हैं।
हार्ट अटैक से बढ़े मौत के मामले
साल 2023 में आपने भी हार्ट अटैक के कई मामलों के बारे में जरूर सुना होगा। बड़ी संख्या में लोग इसके शिकार हुए। जनवरी के शुरुआती दिनों में, देश में जारी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पंजाब में दिल का दौरा पड़ने से जालंधर से कांग्रेस सांसद संतोख सिंह का निधन हो गया है।
बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन को भी हार्ट अटैक पड़ा, जिसके बाद एंजियोप्लास्टी हुई और स्टेंट लगाई गई, जिसके बारे में मार्च में उन्होंने मीडिया से बताया।
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देशभर में इस पूरे साल हार्ट अटैक के मामले रिपोर्ट किए जाते रहे। गुजरात राज्य के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने एक रिपोर्ट में बताया कि पिछले छह महीनों में प्रदेश में दिल का दौरा पड़ने से कुल 1,052 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 80 प्रतिशत मृतक 11-25 आयु वर्ग के थे। वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, साल 2022 में दिल के दौरे के मामलों में 12.5% की आश्चर्यजनक वृद्धि हुई, ये गति 2023 में भी जारी रही।
कार्डियक अरेस्ट बना मौत का कारण
हार्ट अटैक के साथ-साथ हृदय रोगों की अन्य समस्याओं ने भी लोगों को खूब परेशान किया, कार्डियक अरेस्ट भी उनमें से एक था। अगस्त के महीने में पेपरफ्राई कंपनी के को-फाउंडर अंबरीश मूर्ति की लेह में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई, वह 44 साल के थे। इसी तरह 33 वर्षीय ब्राजीलियन इंफ्लुएंसर लारिसा बोर्गेस की भी डबल कार्डियक अरेस्ट से मौत की खबर ने लोगों को चौंका दिया।
हार्ट अटैक-कार्डियक अरेस्ट एक ही नहीं
गौरतलब है कि कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक दोनों ही हार्ट की समस्याएं हैं। हार्ट अटैक, कोरोनरी धमनियों के अवरुद्ध हो जाने के कारण होने वाली समस्या है। यदि इस स्थिति को अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो हृदय तक रक्त का प्रवाह रुक जाता और पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। वहीं कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब व्यक्ति का हृदय रक्त को पंप करना ही बंद कर देता है। इस स्थिति में रोगी सामान्य रूप से सांस नहीं ले पाता है।
एन्यूरिज्म भी बड़ा खतरा
हृदय रोगों की समस्याओं के बारे में बात करते समय अधिकतर चर्चा हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की ही की जाती है, पर क्या आप जानते हैं कि एन्यूरिज्म भी आपके लिए बड़ा खतरा हो सकता है। जर्मन फिटनेस इंफ्लुएंसर और बॉडीबिल्डर जो लिंडनर की इसी साल जुलाई में मौत हो गई, वह महज 30 साल के थे। लिंडनर को एन्यूरिज्म की समस्या थी।
एन्यूरिज्म को धमनीविस्फार भी कहा जाता है। यह धमनियों की दीवार में कमजोरी के कारण इसमें होने वाले विस्तार की समस्या है। इससे धमनियों में ब्रेक हो जाता है जो घातक जटिलताओं को जन्म दे सकती है। एन्यूरिज्म के बढ़ते जोखिमों को लेकर डॉक्टर अलर्ट करते हैं।
GEN-Z वाले रहें अलर्ट
उम्र आधारित हृदय रोगों की समस्याओं के जोखिम को जानने के लिए किए गए अध्ययनों में पाया गया है कि GEN-Z समूह के लोगों में गंभीर हृदय रोग और हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का जोखिम काफी तेजी से बढ़ा है।
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बचपन और किशोरावस्था में मोटापा या अधिक बीएमआई की समस्या हृदय रोगों को बढ़ा रही है। इसके अलावा युवाओं-वयस्कों में ब्लड प्रेशर की दिक्कत भी बढ़ी है जिसे हृदय रोगों के लिए एक कारण माना जाता है।
2024 में इस तरह रखें दिल का ख्याल
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने 6 उपाय बताएं हैं जिसका सभी लोगों के लिए पालन करते रहना आवश्यक है। साल 2024 में इन बातों के पालन का निश्चय करें।
- तनाव का प्रबंधन करें।
- शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
- वजन को कंट्रोल रखने के लिए उपाय करें।
- सक्रिय रहें, नियमित व्यायाम की आदत बनाएं।
- धूम्रपान और सेकेंड हैंड धूम्रपान दोनों से दूर रहें।
- स्वस्थ आहार, प्लांट बेस्ड डाइट का सेवन अधिक करें।
- कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप की नियमित जांच कराएं और इसे नियंत्रित रखने के उपाय करें।