Hernia Symptoms and Treatment: हर्निया, एक ऐसी आम समस्या है जिसमें पेट के अंदरूनी अंग किसी कमजोर जगह से बाहर निकल आते हैं। यह आमतौर पर पेट में होता है, लेकिन कभी-कभी यह अन्य स्थानों जैसे कि कमर, छाती या नाभि में भी हो सकता है। हर्निया में शरीर के अंदर कोई आंतरिक अंग या टिश्यू किसी कमजोर हिस्से से बाहर की ओर फैलने लगता है। यह मुख्यतः दूसरे टिश्यू या पेशियों की ओर दबाव डालता है।
सबसे आम प्रकार के हर्निया हैं, इंग्विनल हर्निया, जो जांघों के बीच के हिस्से में होता है, अंबिलिकल हर्निया, जो नाभि के चारों ओर होता है और इंसिज़नल हर्निया, जो पिछली सर्जरी के चीरे से होता है। इसके अलावा हायटल हर्निया भी हो सकता है, जिसमें पेट का एक हिस्सा डायफ्राम से होते हुए छाती की कैविटी में फैल जाता है।
पेट की कैविटी में बढ़ा हुआ दबाव है हर्निया | Hernia Symptoms and Treatment
हर्निया का सबसे आम कारण पेट की कैविटी में बढ़ा हुआ दबाव होता है। ज्यादा दबाव आम तौर से भारी काम करने, जैसे अत्यधिक भारी चीज उठाने, या फिर लंबी खांसी और मूत्र या मल त्याग करने के लिए अत्यधिक जोर लगाने के कारण होता है। कभी-कभी गर्भवती महिलाओं को भी यह हो सकता है। इसके अलावा, पेट पर दबाव बढ़ने का कारण पुराना कब्ज, मोटापा, और लगातार खांसी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप हर्निया हो सकता है। इसके अलावा, उम्र बढ़ने, खराब पोषण और व्यायाम न करने से भी पेशियाँ और कनेक्टिव टिश्यू कमजोर हो जाते हैं, जिससे हर्निया हो सकता है।

हर्निया के लक्षण | Hernia Symptoms and Treatment
प्रभावित हिस्से में एक उभार या गांठ दिखाई दे सकती है। यह खड़े होने, खांसने या दबाव डालने पर और बड़ी हो सकती है। हल्का या तेज दर्द, विशेष रूप से उभार पर दबाव डालने पर। प्रभावित हिस्से में भारीपन या असुविधा महसूस होना। उभार के आसपास जलन हो सकती है। प्रभावित हिस्से की मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो सकती है।

मेडिकल इमरजेंसी है हर्निया | Hernia Symptoms and Treatment
हर्निया अपने आप ठीक नहीं होता है। छोटे हर्निया कई सालों तक बने रह सकते हैं लेकिन समय के साथ वो बड़े हो सकते हैं। हर्निया बड़े होने के बाद बहुत बेचैनी, दर्द और गंभीर परेशानियां पैदा कर सकते हैं। ऐसी ही एक समस्या होने पर हर्निया से ग्रसित टिश्यू में खून की सप्लाई रुक जाती है, जिससे उस टिश्यू की मौत हो जाती है। इस तरह की हर्निया एक मेडिकल इमरजेंसी होती है और इसके लिए तुरंत सर्जरी किया जाना जरूरी होता है।
