आईवीएफ विधि CAPA-IVM दुनिया भर में सिर्फ 6 अस्पतालों में ही की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक इस विधि से अभी तक 150 बच्चे पैदा हुए हैं, पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया में इस प्रक्रिया से एक कपल को बच्चे हुआ। विशेषज्ञों के मुताबिक आईवीएफ की तुलना में आईवीएम सस्ते होते हैं। इसका कारण यह है कि इसमें फर्टिलिटी दवाओं की जरूरत कम रहती है। इन दवाओं की कीमत करीब 2,000 पाउंड तक हो सकती है। ऐसे में यह प्रक्रिया आईवीएफ की तुलना में अधिक सुरक्षित, सरल और सस्ती है।
हर साल हजारों महिलाएं बच्चा पैदा करने की उम्मीद में प्रजनन उपचार करवाती हैं, हजारों लाखों रुपए खर्च करके वे कई तरह के ट्रीटमेंट लेती हैं। आईवीएफ इसमें सबसे लोकप्रिय तरीका है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कैपेसिटेशन इन-विट्रो या सीएपीए-आईवीएम, सस्ता और सैद्धांतिक रूप से सुरक्षित है, क्योंकि इसमें महिलाओं को हार्मोन की कम दवाएं देनी पड़ती हैं। यह प्रक्रिया अपने शुरुआती चरण में है, इसलिए बहुत कम लोग ही इस बारे में जानते हैं।
आपको बता दें, पिछले हफ्ते एक ऑस्ट्रेलियाई जोड़े ने इस प्रक्रिया के माध्यम से गर्भित देश के पहले बच्चे का स्वागत किया। महिला लीनना लुटास ने सीएपीए-आईवीएम का उपयोग करके अपने साथी थियो के साथ अपनी बेटी बोनी मेबल को जन्म दिया। इससे पहले दो साल तक बच्चे के लिए ट्राई किया और एक बार आईवीएफ ट्रीटमेंट भी लिया।
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IVM और IVF में क्या है अंतर
आईवीएम में परिपक्व होने से पहले एक महिला से अंडे को एकत्रित किया जाता है। आईवीएम में अंडे पेट्री डिश में शरीर के बाहर परिपक्वता प्रक्रिया से गुजरते हैं। इस स्थिति में महिलाओं को कम हार्मोनल दवाएं लेनी पड़ती हैं। पारंपरिक आईवीएफ के साथ महिलाओं को दैनिक हार्मोन इंजेक्शन मिलते हैं। यह प्रक्रिया दो सप्ताह तक चलती है, ताकि उनके अंडें परिपक्व हो सके। जबकि आईवीएम अपने आप में एक दशकों पुरानी तकनीक अंडों को परिपक्व होने से पहले ही पुनर्प्राप्त कर लेती है और प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से विकसित होती है।
डिम्बग्रंथि हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम का खतरा कम
आईवीएम से अंडाशय को नुकसान होने की संभावनाएं कम रहती है। कई बार हार्मोन बढ़ाने वाली दवाइयां अंडाशय को खतरनाक तरीके से विस्तारित करने का कारण बन सकती है और गंभीर मामलों में पीड़ितों को अपने फेफड़ों में रक्त के थक्कों के साथ सांस लेने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। हालांकि अधिकांश को केवल हल्के प्रभाव ही दिखाई देते हैं।
आईवीएम अवधारणा पर काम कर रहे कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि यह जोखिम को पूरी तरह से समाप्त कर देता है। इसमें कम प्रजनन दवाओं की आवश्यकता होती है। इससे अंडे अधिक स्वस्थ रूप में परिपक्व होते हैं।