प्री-पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में अतिरिक्त शुगर की बढ़ती जांच के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI), शीर्ष खाद्य नियामक को फूड्स पैकेजों पर वॉर्निंग लेबल लगाना अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि चीनी की मात्रा को दर्शाने वाले ये लेबल सिगरेट के पैकेटों पर पाए जाने वाले सचित्र स्वास्थ्य चेतावनियों की तर्ज पर ही होंगे। यह फैसला पिछले महीने आए बड़े विवाद के बाद किया गया है।
क्या था पूरा मामला?
मंत्रालय द्वारा दिए गए इस निर्देश का कारण पिछले महीने हुआ एक बड़ा विवाद है। कुछ दिनों पहले एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें बताया गया कि अंतर्राष्ट्रीय फूड प्रोडक्ट की दिग्गज कंपनी नेस्ले द्वारा कई निम्न और मध्यम देशों में बेचे जाने वाले अपने पाउडर बेबी फूड में चीनी मिलाती है लेकिन अमीर देशों में नहीं।
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मामूल हो कि नेस्ले का सेरेलैक देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला शिशु आहार ब्रांड है, जो 6-18 महीने के उम्र के शिशुओं और बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 में संशोधन करने के लिए एफएसएसएआई को निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके तहत पैकेटों पर एक पीले रंग की पट्टी लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें निर्दिष्ट आकार में चीनी की मात्रा का प्रतिशत स्पष्ट रूप से दर्शाया जाएगा।