पार्किंसन रोग मस्तिष्क का एक धीरे-धीरे होने वाला रोग है जो मस्तिष्क के एक हिस्से में तंत्रिका कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। यह डोपामाइन नामक रसायन का उत्पादन कम करता है, जो शरीर को सुचारू रूप से गति करने में मदद करता है।
बता दें, पार्किंसन रोग एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो मस्तिष्क के एक हिस्से को प्रभावित करता है जिसे बेसल गेंग्लिया कहा जाता है। यह मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो गति, संतुलन और समन्वय को नियंत्रित करता है। पार्किंसन रोग में, बेसल गेंग्लिया में डोपामाइन नामक रसायन का उत्पादन कम हो जाता है। डोपामाइन मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों के बीच संदेशों को रिले करने में मदद करता है और इसकी कमी गति और समन्वय की समस्याओं का कारण बन सकती है।
पार्किंसन रोग का उपचार और बचाव
आमतौर पर डॉक्टर व्यक्ति का मेडिकल इतिहास देखकर और न्यूरोलॉजिकल परीक्षण करके बीमारी का पता लगाते हैं। पार्किंसंस रोग में उपचार के लिए डॉक्टर के द्वारा डीबीएस तकनीक, इंजेक्शन और दवाओं की सलाह दी जाती है। इसके अलावा आहार में कुछ बदलाव लाकर भी इस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए कोई विशेष डाइट नहीं होती है, लेकिन एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ, फिश ऑयल, विटामिन बी1, सी, डी से भरपूर चीजें लाभकारी साबित हो सकती हैं। साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ तंत्रिका सूजन को कम करने, न्यूरोट्रांसमिशन को बढ़ाने और न्यूरोडीजेनरेशन को रोकने में मदद कर सकता है।
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नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी और मूवमेंट डिसऑर्डर एक्सपर्ट, डॉ. वैभव माथुर ने कहा कि अधिक चीनी, नमक, प्रॉसेस्ड फूड्स, हाई कोलेस्ट्रॉल फूड्स, सैचुरेटेड फैट आदि खाद्य पदार्थ इस रोग से पीड़ित लोगों को बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। मांसपेशियों को मजबूत बनाने और संतुलन, लचीलापन और मूवमेंट में सुधार करने के लिए फिजिकल एक्सरसाइज, स्ट्रेचिंग और लचीलापन बढ़ाने के लिए योग साथ ही तनाव को कम करने के लिए मसाज थेरेपी इस रोग में काफी कारगर साबित हो सकते हैं।
पार्किंसन रोग के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और समय के साथ खराब होते जाते हैं। शुरुआती लक्षणों में शामिल हो सकते हैं –
- हाथ या पैर में कंपन
- धीमी गति (ब्रेडीकिनेसिया)
- कठोर मांसपेशियां (कठोरता)
- चलने में कठिनाई
- संतुलन में कमी
- बोलने में कठिनाई
- चेहरे के भावों की कमी
- जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं, जैसे कि:
- गिरना
- अवसाद
- चिंता
- नींद की समस्याएं
- स्मृति भ्रंश
- मनोभ्रंश
पार्किंसन रोग का कोई इलाज नहीं है, लेकिन उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। उपचार में शामिल हो सकते हैं –
- दवाएं
- भौतिक चिकित्सा
- व्यायाम
- सर्जरी
पार्किंसन रोग दुनिया भर में लगभग 10 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होता है, लेकिन युवा लोगों में भी हो सकता है।
कुछ अतिरिक्त जानकारी
- पार्किंसन रोग एक प्रगतिशील रोग है, जिसका अर्थ है कि यह समय के साथ खराब होता जाता है।
- पार्किंसन रोग एक आनुवंशिक रोग नहीं है, लेकिन कुछ लोगों में आनुवंशिक कारक हो सकते हैं जो उन्हें इस रोग के विकास के लिए अधिक संवेदनशील बनाते हैं।
- पार्किंसन रोग का कोई निश्चित निदान नहीं है, लेकिन डॉक्टर लक्षणों और शारीरिक परीक्षा के आधार पर निदान कर सकते हैं।
- पार्किंसन रोग से मृत्यु नहीं होती है, लेकिन यह गंभीर विकलांगता का कारण बन सकता है।
- यदि आपको पार्किंसन रोग के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। जल्दी निदान और उपचार रोग की प्रगति को धीमा करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है।